ढाका: बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं की घर वापसी की तैयारी कर ली है। उन्हें आज से वापस उनके वतन म्यांमार भेजे जाने का काम शुरू हो जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार वापस भेजे जा रहे शुरुआती 2,260 लोगों में से 150 को आज ही उनके वतन भेज दिया जाएगा। वहीं, संयुक्त राष्ट्र बांग्लादेश के इस फैसले से असहमति जाता चुका है। संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष शरणार्थी अधिकारी ने कहा है कि विस्थापित रोहिंग्या शरणार्थियों की म्यांमार वापसी केवल उनकी ‘स्वतंत्र रूप से व्यक्त की गयी इच्छा’ पर होनी चाहिए।
रोहिंग्याओं को वापस भेजे जाने के घटनाक्रम पर भारत भी अपनी नजर बनाए हुए है। दरअसल, भारत में भी लगभग 40 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों के होने की बात कही जाती है, और इनमें से 18,000 लोगों के पास यूएन की रिफ्यूजी एजेंसी का सर्टिफिकेट है। भारत इन रोहिंग्याओं को अवैध घुसपैठिया मानता है और अभी तक 7 को वापस भी भेज चुका है। इसके अलावा सरकार अन्य रोहिंग्याओं को वापस भेजे जाने की बात करती रही है। कहा जा रहा है कि यदि बांग्लादेश रोहिंग्याओं को वापस म्यांमार भेजने में कामयाब रहता है तो इससे भारत का भी पक्ष मजबूत होगा। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र रोहिंग्याओं को जल्दबाजी में म्यांमार भेजे जाने के पक्ष में नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को बांग्लादेश से यह भी अनुरोध किया था कि वह 2,260 रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने की भेजने की अपनी योजना को रोक दे। संयुक्त राष्ट्र का कहना था कि वहां अब भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं। वहीं, दूसरी तरफ रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी बांग्लादेश से म्यांमार भेजे जाने से बचने के लिए यहां के शरणार्थी शिविरों से भाग रहे हैं। समुदाय के नेताओं ने कहा कि म्यांमार वापस भेजे जाने की संभावना ने शिविरों में रह रहे लोगों को आतंकित कर दिया और कुछ ऐसे परिवार जिन्हें सबसे पहले वापस भेजा जाना था, वहां से फरार हो गए।
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