कॉक्स बाजार: बांग्लादेश के अधिकारी म्यांमार में हिंसा के कारण भाग कर यहां आ रहे रोहिंग्या मुसलमानों की आवाजाही को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने हजारों बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें टीके लगाना शुरू कर दिया है। (इराक के प्रधानमंत्री ने कहा, नहीं पता क्या हुआ 39 भारतीय मजदूरों के साथ)
बांग्लादेश में 400,000 से ज्यादा रोहिंग्या लोग रह रहे हैं जो म्यांमार में बढ़ते संकट के बीच पिछले तीन सप्ताह में अपने घरों को छोड़कर आए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस संकट को जातीय सफाया बताया है। अत्याचारों के लिए म्यामां पर बरसने वाली प्रधानमंत्री शेख हसीना न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक महासभा को संबोधित करने के लिए ढाका से रवाना हो गई है।
कॉक्स बाजार जिले में एक सरकारी अस्पताल में डॉक्टर अब्दुस सलाम ने बताया कि खसरा, रूबेला और पोलियो के लिए सात दिनों में करीब 150,000 बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि करीब 240,000 बच्चे खराब स्थितियों में रह रहे हैं। इस बीच पुलिस इस बात पर नजर रख रही हैं कि शरणार्थी आसपास के शहरों में ना जाएं।
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