करंगासेम: इंडोनेशिया के रिजोर्ट द्वीप बाली में ज्वालामुखी की गड़गड़ाहट के बीच जी रहे हजारों लोग 50 वर्ष में पहली बार इसमें विस्फोट के भय से अपना घर छोड़ने को मजबूर हो गए। अगुंग पर्वत में कल धुआं 700 मीटर तक उठने लगा, जिसके बाद पर्वत के पास स्थित बस्तियों से पलायन शुरू हुआ। (उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिका हुआ और भी सख्त, जहाजों पर लगाए नए प्रतिबंध)
वर्ष 1963 में अगुंग पर्वत में हुए विस्फोट में करीब 16000 लोगों की मौत हो गई थी। सितंबर में भी यहां हलचल मच गई थी। तब करीब 1,40,000 लोग क्षेत्र छोड़ चले गए थे। ज्वालामुखी के शांत होने पर कई लोग वापस लौट आए थे। हजारों लोग फिर से यहां से जा रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि करीब 30,000 लोग विस्थापित हुए हैं। आपदा अधिकारियों ने अगुंग पर्वत में हालिया गतिविधियों के मद्देनजर इसमें विस्फोट की चेतावनी दी है। इंडोनेशिया के ज्वालामुखी केंद्र ने लोगों से शांत रहने की बात कहते हुए कहा कि अभी पर्वत का चेतावनी स्तर नहीं बढ़ाया गया है।
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