बीजिंग: चीन में पिछले साल विदेशी पत्रकारों के लिए कामकाज की स्थिति बिगड़ी तथा पत्रकारों के साथ मारपीट, उन्हें हिरासत में लेने और परेशान करने की रिपोर्ट सामने आयी। आज प्रकाशित एक सर्वेक्षण में यह बात कही गयी है। फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट क्लब ऑफ चाईना (एफसीसीसी)की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में 50 से ज्यादा विदेशी पत्रकारों को सूचनाएं जुटाने की कोशिश करने के दौरान किसी न किसी दखल से दो चार होना पड़ा। (ट्रंप व उनके सहयोगी 'युद्ध का समर्थन कर रहे हैं, शांति का नहीं': तालिबान )
तेईस फीसद ऐसे पत्रकारों ने कहा कि उन्हें किसी खास जगह पर जाने से जबरन रोका गया, आठ फीसद का कहना था कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया या उनके साथ मारपीट की गयी। बीबीसी रिपोर्टर मैथ्यू गोड्डार्ड ने एफसीसीसी से कहा कि जब उन्होंने फुटेज देने से इनकार कर दिया तब अज्ञात व्यक्तियों ने उनका कैमरा तोड़ने का प्रयास किया और उन्हें घूसा मारा। एफसीसीसी ने कहा कि पहले से ही बुरी हालत से गुजर रही रिपोर्टिंग स्थिति और बिगड़ रही है।
अल्पसंख्यक मुसलमानों के गृह प्रदेश झिनजियांग के सिलसिले में 73 फीसद पत्रकारों का कहना था कि 2017 में उनसे अधिकारियों ने कहा कि वहां रिपोर्टिंग प्रतिबंधित है। सर्वेक्षण के अनुसार प्रशासन ने पत्रकारों का वीजा नवीनीकृत नहीं करने की धमकी दी ताकि वे उन्हें मीडिया घरानों को अनुकूल रिपोर्ट के लिए राजी कर पाएं। आज विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘‘मैं रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करती हूं।’’
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