काठमांडू: नेपाल में भारी बारिश के चलते आई बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 55 लोग मारे गए हैं जबकि देश के मध्य हिस्से में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन जिले में 200 भारतीय सहित करीब 700 पर्यटक फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि देश में पिछले तीन दिनों में भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई है और कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। चितवन घाटी में उफान मार रही राप्ती नदी का पानी कई होटलों में घुस गया है जहां देश का पहला राष्ट्रीय पार्क स्थित है। मुख्य जिला अधिकारी नारायण प्रसाद भट्ट ने बताया कि राहत अभियान के लिए पड़ोसी देवघाट से चार रबर राफ्ट मांगे गए हैं। क्षेत्रीय होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमन घिमरे ने बताया कि फंसे हुए पर्यटकों को हाथी और नौका की मदद से निकाला जा रहा है। (अब चीन के बिजनस सिस्टम पर ट्रंप की नजर, देने वाले हैं जांच का आदेश)
एक होटल मालिक ने बताया कि गृह मंत्रालय से मदद मांगी गई है। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया गया है कि मध्य और पश्चिमी मैदानों में आज से भारी बारिश होने की संभावना है। इसने बताया कि मॉनसून धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है और पश्चिमी क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले शुक्रवार से बाढ़ और भूस्खलन के चलते नेपाल में मृतकों की संख्या बढ़ कर 55 हो गई है। उन्होंने बताया कि 36 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
हिमालयन टाइम्स की खबर के मुताबिक बाढ़ और भूस्खलन से 21 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसने गृह मंत्रालय के ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए यह बताया है। द हिमालयन टाइम्स की खबर के मुताबिक चितवन में 100 से अधिक होटल आंशिक रूप से जलमग्न हो गए हैं। परसा जिले में 1000 से अधिक मकानों में पानी घुस गया है। चितवन राष्ट्रीय उद्यान के सौराहा में फंसे 700 पर्यटकों में करीब 200 भारत से हैं और इतनी ही संख्या में अन्य देशों से हैं। शेष नेपाली नागरिक हैं। गौरतलब है कि नेपाल सरकार की कैबिनेट ने कल एक आपात बैठक की थी। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने जिला प्रशासनों को बचाव अभियान तेज करने को कहा है।
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