इस्लामाबाद: ट्रंप प्रशासन की नई अफगान रणनीति के किसी भी नतीजे को संतुलित करने के लिए पाकिस्तान को चीन और रूस के साथ कहीं गहरे संबंध बनाने की कोशिश करनी पड़ सकती है। यह बात मीडिया में आई एक रिपोर्ट में कही गई है। ट्रंप स्थानीय समयानुसार आज रात (दक्षिण एशिया में कल सुबह) युद्धप्रभावित अफगानिस्तान के लिए बहुप्रतीक्षित नई रणनीति की घोषणा करने वाले हैं। खबरों में कहा गया है कि अपनी नीति की समीक्षा के दौरान ट्रंप प्रशासन ने भारत की भूमिका की संभावनाओं पर गौर किया और कल अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने इस बात की पुष्टि की कि नई नीति एक पूर्ण दक्षिण एशिया रणनीति है। (एक रहस्यमयी शेख के कारण खाड़ी संकट बना चर्चा का विषय)
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस योजना से परिचित कम से कम दो अधिकारियों के हवाले से कहा कि पाकिस्तान नई अफगान रणनीति के किसी भी परिणाम को संतुलित करने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के अधिकारियों ने यह स्वीकार किया है कि वाशिंगटन से मिल रहे संकेतों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आने वाले महीनों में इस्लामाबाद के धैर्य की निश्चित तौर पर परीक्षा होगी। एक अधिकारी ने दैनिक अखबार को बताया कि अमेरिका की ओर से कोई कठोर कदम उठाए जाने की सूरत में पाकिस्तान के पास चीन और रूस के साथ अपना सहयोग बढ़ाने और गहराने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
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