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इमरान का आदेश, लॉकडाउन तोड़ने वाले सभी उलेमा और नमाजियों को रिहा किया जाए

कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी सोशल डिस्टैंसिंग को बनाए रखने के लिए सरकार ने मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक लगाई थी।

Imran Ulema, Imran Ulema Pakistan, Imran Ulema Namaz, Imran Ulema Lockdown- India TV Hindi इमरान ने उन सभी उलेमा, इमामों और नमाजियों को रिहा करने को कहा है जो मस्जिदों में जबरन सामूहिक नमाज पढ़ने के मामले में गिरफ्तार हुए थे। AP Representational

इस्लामाबाद: कोरोना वायरस मामलों के लगातार बढ़ने के बावजूद रमजान के महीने में मस्जिदों में सामूहिक नमाज की उलेमा की मांग के सामने झुकने के बाद अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने धार्मिक नेताओं को तुष्ट करने का एक और कदम उठाया है। उन्होंने उन सभी उलेमा, इमामों और नमाजियों को रिहा करने को कहा है जो लॉकडाउन का उल्लंघन कर मस्जिदों में जबरन सामूहिक नमाज पढ़ने के मामले में गिरफ्तार हुए थे। पाकिस्तान में फिलहाल मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक है। 

पुलिस के साथ हुई थीं झड़पें
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी सोशल डिस्टैंसिंग को बनाए रखने के लिए सरकार ने मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक लगाई थी। लेकिन, इसका उल्लंघन किया गया, विशेषकर जुमे की नमाज पढ़ने के लिए कई जगहों पर पुलिस और लोगों में झड़पें हुईं और कई लोग इस सिलसिले में गिरफ्तार किए गए। प्रधानमंत्री की सूचना एवं प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने उन सभी उलेमा, इमामों व नमाजियों की रिहाई का स्पष्ट शब्दों में आदेश दिया है जो सामूहिक नमाज पर रोक के सरकारी आदेश के उल्लंघन पर गिरफ्तार हुए हैं। 

‘नमाजियों से नरमी से पेश आएं’
अवान ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से उलेमा, नमाजियों से नरमी से पेश आने के लिए भी कहा है।’ धार्मिक नेताओं और उनकी मांगों पर इमरान के इस रवैये का उन्हें लाभ होता दिख रहा है। सोमवार को देश के विख्यात उलेमा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इमरान से मुलाकात की और लॉकडाउन पर उनकी नीति की सराहना करते हुए इसे 'जमीन से जुड़ी' बताया। बैठक में इमरान ने उम्मीद जताई कि रमजान में सामूहिक नमाज को जिन शर्तो के साथ मंजूरी दी गई है, उलेमा उनका पालन करेंगे।

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