‘भारत तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता लेकिन संयम के साथ कार्रवाई जारी रखेगा’
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमले के एक दिन बाद बुधवार को यहां चीन एवं रूस से कहा कि भारत तनाव को और बढ़ाना नहीं चाहता लेकिन वह जिम्मेदारी एवं संयम के साथ कार्रवाई जारी रखेगा।
वुझेन (चीन): विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमले के एक दिन बाद बुधवार को यहां चीन एवं रूस से कहा कि भारत तनाव को और बढ़ाना नहीं चाहता लेकिन वह जिम्मेदारी एवं संयम के साथ कार्रवाई जारी रखेगा। साथ ही उन्होंने सभी राष्ट्रों से आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का आह्वान किया। यहां रूस-भारत-चीन (आरआईसी) की बैठक में स्वराज ने पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए वहां भारत की ओर से किए गए हवाई हमले का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह जैश-ए-मोहम्मद की ओर से भविष्य के हमलों को रोकने से पहले की गई कार्रवाई थी।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश है। इस घटना के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण केंद्र पर मंगलवार सुबह बम गिराए। इस जवाबी कार्रवाई में ‘‘बड़ी संख्या में” आंतकवादी, प्रशिक्षक एवं शीर्ष कमांडर मारे गए।
स्वराज ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हुए कायराना आतंकवादी हमले को जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था जो पाकिस्तान का एवं उससे समर्थन प्राप्त आतंकवादी संगठन है जिसे संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य देशों ने प्रतिबंधित किया हुआ है। हमने सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा कर्मी खो दिए हैं।” बैठक में उन्होंने कहा, “ऐसे कायराना आतंकवादी हमले सभी देशों को आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने और उनके खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की सख्त याद दिलाते हैं।” इस बैठक में चीनी विदेश मंत्री वांग यी और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने की अंतरराष्ट्रीय अपील को गंभीरता से लेने की बजाए ऐसे किसी हमले की जानकारी ही नहीं होने की बात कही और जैश-ए-मोहम्मद के दावों को भी सिरे से खारिज कर दिया। स्वराज ने कहा, “पाकिस्तान की ओर से लगातार हमले की बात से इनकार करने और अपनी सीमा में पनप रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने तथा विश्वसनीय जानकारी के आधार पर कि जैश भारत के विभिन्न हिस्सों में अन्य हमलों को अंजाम देने की योजना बना रहा है, भारत सरकार ने पूर्व कार्रवाई करने का फैसला किया।”
उन्होंने कहा, “आम नागरिकों को हताहत होने से बचाने के मकसद से लक्ष्य चुना गया।” स्वराज ने कहा कि भारत की कार्रवाई सैन्य अभियान नहीं था और उसका लक्ष्य आतंकवादी ढांचे को तबाह करना था। उन्होंने कहा, “किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। एहतियातन हमले का एकमात्र मकसद भारत के खिलाफ दूसरे आतंकवादी हमले को पहले ही रोक देने के लिए जैश के आतंकवादी ढांचे के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई था।” स्वराज ने कहा, “भारत इस तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता और भारत जिम्मेदारी एवं संयम से काम करना जारी रखेगा।”