काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान अपने मेकओवर में लगा हुआ है। वो इस बार पहले से अलग होने के दावे कर रहा है, महिलाओं को शरीयत के हिसाब से हक देने की बात कर रहा है। उसके लड़ाके काबुल की सड़कों पर घूम-घूमकर सरकारी कर्मचारियों से काम पर लौटने के लिए कह रहे हैं लेकिन लोगों अबतक उनका विश्वास नहीं कर पा रहे हैं।
इस बीच तालिबान के खिलाफ विद्राह का झंडा भी उठ गया है। 'आतंक' के खिलाफ बगावत की चिंगारी पंजशीर में उठी है, यहां नॉर्दन एलायंस ने अपना झंडा फहरा दिया है। इसके अलावा जलालाबाद में भी बड़ी संख्या में लोग अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लेकर सड़क पर प्रदर्शन करते दिखाई दिए। इन्होंने शहर की एक व्यस्त चौक पर अफगानिस्तान का झंडा फहरा दिया। खबर है कि इन लोगों पर तालिबान के लड़ाकों ने गोलिया चलाई हैं।
अफगानिस्तान के पंजशीर में तालिबान के खिलाफ नॉर्दन अलायंस ने बगावत कर दी है। सूत्रों से मिला जानकारी के मुताबिक, पंजशीर इलाके में अबतक तालिबान का कब्जा नहीं हुआ है। इसके अलावा अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने चरिकर इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है। चरिकर वो इलाका है, जहां पर से सड़क काबुल और मजार-ए-शरीफ को जोड़ती है। अशरफ गनी के काबुल से भागने के बाद अमरुल्ला सालेह ने खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। सालेह का कहना है कि वो अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद हैं।
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