अफगानिस्तान को गटकना पाकिस्तान के बस की बात नहीं, अमरुल्लाह सालेह की तीखी टिप्पणी
पाकिस्तान को लेकर अपने नए बयान में अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि अफगानिस्तान को गटक पाना पाकिस्तान के बस की बात नहीं
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी को देखते हुए राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भागने के बाद खुद को अफगानिस्तान का कार्यकारी राष्ट्रपति घोषित करने वाले अफगान नेता अमरुल्लाह सालेह ने पाकिस्तान और तालिबान को लेकर तीखी टिप्पणी की है। अमरुल्ला सालेह लंबे समय से पाकिस्तान के ऊपर तालिबान को समर्थन देने का आरोप लगाते आए हैं और जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुआ तो उन्होंने साफ कह दिया था कि वे तालिबान के सामने कभी नहीं झुकेंगे।
पाकिस्तान को लेकर अपने नए बयान में अमरुल्ला सालेह ने कहा है कि अफगानिस्तान को गटक पाना पाकिस्तान के बस की बात नहीं है और अफगानिस्तान इतना बड़ा है कि तालिबान भी उसपर राज नहीं कर सकेगा।
अफगान दूतावास से लगाई अमरुल्लाह सालेह की फोटो
अफगानिस्तान के प्रथम उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने मंगलवार को तालिबान के सामने घुटने टेकने से साफ इनकार कर दिया है और खुद को देश का केयरटेकर प्रेसिडेंट घोषित कर दिया। इसके बाद बुधवार को ताजिकिस्तान स्थित अफगान दूतावास से अशरफ गनी की तस्वीर हटाकर अमरुल्लाह सालेह की तस्वीर लगा दी है और उन्हें अफगानिस्तान का राष्ट्रपति बताया गया है।
अगर मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता: अशरफ़ ग़नी
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर चले गए पूर्व राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने दुनिया को संबोधित किया। अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर दुनिया को संबोधित संबोधित करते हुए अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अगर वो काबुल में रहते तो कत्लेआम मच जाता। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की वजह से वो देश से दूर हैं। अशरफ़ ग़नी ने उन खबरों को भी खंडन किया जिसमें बताया गया था कि देश छोड़ते वक्त उन्होंने अपने हेलीकॉप्टर में ठूंस-ठूंस कर नकदी भरी, लेकिन जगह की कमी के कारण नोटों से भरे कुछ बैग रनवे पर ही छोड़ने पड़ गये। उन्होंने कहा, "मैं पैसे लेकर भागा हूं ये कोरी अफवाह है।"
करजई और तालिबान नेता की मुलाकात
अफगानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों में तालिबान के कब्जे के बाद यह माना जा रहा है कि वहां पर फिर से तालिबान की सरकार बनने जा रही है। लेकिन, इसपर कोई आधिकारिक घोषणा होने से पहले कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं जो नए सवाल खड़े कर रही हैं। 20 साल पहले तालिबान की अफगानिस्तान में जब हार हुई थी तब हामिद करजई वहां के राष्ट्रपति बने थे। आज जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें हामिद करजई तालिबान नेता अनस हक्कानी से मुलाकात करते हुए नजर आए हैं।