काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल एक बार फिर आतंकी हमले से थर्रा उठी। रविवार को काबुल में मतदाता एवं पहचान पत्र पंजीकरण केंद्र के बाहर हुए एक आत्मघाती हमले में कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हुए हैं। चुनावी तैयारियों को बाधित करने के लिए किया गया यह ताजा हमला है। इस हमले के बाद देश में 20 अक्टूबर को होने वाले चुनावों की सुरक्षा की चिंता बढ़ गई है, जिसे अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनावों की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है। काबुल पुलिस के प्रमुख दाऊद अमीन ने कहा, ‘धमाका केंद्र के प्रवेश द्वार पर हुआ। यह एक आत्मघाती हमला था।’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता वाहिद मजरुह ने बताया कि हमले में 31 लोग मारे गए हैं और अन्य 54 लोग घायल हुए हैं। यह घटना स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे की है। यह आंकड़ा कहां तक पहुंच सकता है इसकी तत्काल पुष्टि नहीं की जा सकती लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि कम से कम 25 लोग मारे गए हैं और 70 अन्य घायल हैं। इससे पहले गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने हमले में 9 लोगों की मौत और 56 लोगों के घायल होने की बात कही थी। उनसे ताजा आंकड़ों के लिए तत्काल संपर्क नहीं किया जा सका।
अफगान अधिकारी अक्सर ऐसे हमलों में अलग-अलग आंकड़े देते हैं और उनपर पर्दा डालने की कोशिश भी करते हैं। मतदान केंद्र को निशाना बना कर किया गया यह ताजा हमला है जो शहर के पश्चिम में शिया आबादी वाले क्षेत्र में हुआ। अफगान में काफी समय से लंबित विधायी चुनावों के लिए 14 अप्रैल से पंजीकरण शुरू हुआ। चुनाव अधिकारियों ने माना है कि चुनावों के दौरान सुरक्षा चिंता का विषय है। बीते कुछ दिनों में अफगानिस्तान में आतंकी वारदातों में बढ़ोतरी हुई है जिसमें सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी हैं।
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