बढ़ते परमाणु खतरे के चलते जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने हाल ही में कहा कि जब तक उत्तर कोरिया परमाणु हथियार का इस्तेमाल बंद नहीं कर देता तब तक उससे किसी भी तरह की कोई बातचीत नहीं की जाएगी। आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसके तहत उत्तर कोरिया पर अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों से उत्तर कोरिया के बड़े निर्यातों को निशाना बनाने के साथ ही उसे तेल की आपूर्ति में 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। प्रस्ताव का मसौदा अमेरिका ने तैयार किया है। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने इसे सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी। (ICJ में कुलभूषण जाधव मामले की आज होगी सुनवाई)
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा, हम दुनिया को यह बता रहे हैं कि हम कभी परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया को स्वीकार नहीं करेंगे। सुरक्षा परिषद कह रहा है कि अगर उत्तर कोरिया शासन ने अपना परमाणु कार्यक्रम बंद नहीं किया, तो हम उसे रोकने के लिए खुद कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव के तहत गैस, डीजल और भारी ईंधन तेल में 55 प्रतिशत तक कटौती करने से उत्तर कोरिया को मिलने वाले तेल में 30 प्रतिशत तक की कमी आएगी।
उन्होंने कहा, आज का प्रस्ताव प्राकृतिक गैस एवं तेल के अन्य सह-उत्पादों पर पूरी तरह रोक लगाता है, जिनका इस्तेमाल पेट्रोलियम घटने की स्थिति मे विकल्प के तौर पर किया जा सकता है। इससे गहरा प्रभाव पड़ेगा। हेली ने कहा कि उत्तर कोरिया पर लगाए ये अब तक के सबसे कड़े प्रतिबंध हैं। चीन ने भी उत्तर कोरिया पर लगे इस प्रतिबंध का समर्थन किया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मंगलवार को कहा कि इन प्रतिबंधों से सुरक्षा परिषद के सदस्यों के कोरियाई प्रायद्वीप पर शांति और स्थिरता की सुरक्षा के लिए उनके सर्वसम्मत रुख का पता चलता है।
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