जब राम माधव से मिले थे अब्दुल बासित! वीडियो में बताया क्या कुछ हुआ था
वीडियो में अब्दुल बासित बोल रहे हैं कि राम माधव ने सीधे उनके मुंह पर ही कह दिया था कि पाकिस्तान एक दहशतगर्द राष्ट्र है और वह कश्मीर को अब भूल जाए। अब्दुल बासित ने बताया कि राम माधव ने उन्हें मुलाकात के दौरान ही कह दिया था कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अपना वक्त जाया कर रहा है
नई दिल्ली। भारत में पाकिस्तान के राजदूत रह चुके अब्दुल बासित ने यूट्यूब पर अपना एक वीडियो डाला है और उस वीडियों में उन्होंने भाजपा नेता राम माधव के साथ हुई अपनी एकमात्रा मुलाकात का जिक्र किया है। वीडियो में अब्दुल बासित बोल रहे हैं कि राम माधव ने सीधे उनके मुंह पर ही कह दिया था कि पाकिस्तान एक दहशतगर्द राष्ट्र है और वह कश्मीर को अब भूल जाए। अब्दुल बासित ने बताया कि राम माधव ने उन्हें मुलाकात के दौरान ही कह दिया था कि पाकिस्तान कश्मीर को लेकर अपना वक्त जाया कर रहा है।
अपने वीडियो में अब्दुल बासित ने राम माधव से मुलाकात को लेकर जो कुछ कहा वह इस तरह से है
“राम माधव से मुलाकात की बात करना चाहता हूं, उन्होंने अपनी नौजवानी में ही आरएसएस को ज्वाइन कर लिया और उसके बाद आरएसएस के साथ ही रहे, इंडिया फाउंडेशन एक थिंक टैंक है उसके भी हेड रहे।”
“2014 में उनको भारतीय जनता पार्टी का महासचिव बना दिया गया, उनको बहुत सी जिम्मेदारियां दी गई थी एक जिम्मेदारी ये भी थी कि कश्मीर में चुनाव होने थे उनमें भाजपा का मिशन था 44 उसको प्राप्त करना था। उसके बाद भाजपा को जम्मू कश्मीर चुनावों में काफी कामयाबी हुई और करीब 25 सीटें जीती, महबूबा मुफ्ती की 27-28 सीटें थी। फिर राम माधव को काम सौंपा गया कि पीडीपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाएं....। उनकी कोशिशों से महबूदा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनी लेकिन गठबंधन सरकार ज्यादा कामयाब नहीं हुई।”
“मैं इन चुनावों (जम्मू-कश्मीर चुनाव) से पहले राम माधव से मिलने गया था क्योंकि उनको इंचार्ज बनाया गया था चुनाव का। इंडिया फाउंडेशन के ऑफिस में मैं गया और उनसे लंबी मुलाकात हुई, मैने कई सवाल किए, मुबारक बात भी दी कि भाजपा ने बड़ी जबरदस्त कामयाबी दिखाई है, थोड़ा बहुत ब्रीफ भी किया भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के बारे में। फिर होते होते जो गुफ्तगू है हमारी उसे कश्मीर पर आकर रुकना ही था।”
“कश्मीर पर जब बात शुरू हुई तो बड़े एग्रेसिव होकर उन्होंने बात की और कहा कि पाकिस्तान को अब भूल जाना चाहिए, कश्मीर तो हमारा है, बल्कि आप गिलगिट बाल्टिस्तान और पीओके की खबर करे, भूल जाइए, पाकिस्तान अपना वक्त जाया कर रहा है। हमारे को दस्तूर (मैनिफेस्टो) में लिखा है कि आर्टिकल 370 और 35ए को हटाना है। फिर मैने भई थोड़ा सा उनको जवाब दिया, लेकिन वो बातचीत में मुझे जो महसूस हुआ कि हमारी पहली मुलाकात ज्यादा अच्छी नहीं हुई, उसमें तल्खी का एलिमेंट ज्यादा था जम्मू कश्मीर का, वो बार बार कह रहे थे कि पाकिस्तान दहसतगर्द है, दहसतगर्दी को बढ़ावा देता है।”
“मैं उनको समझाऊं कि मामले इतने आसान नहीं है जितना आप समझ रहे हैं, फिर बताया उनको तारीखों के बारे में तो उन्होंने कहा कि मुझे तारीखों के बारे में सब पता है, बोल रहे थे कि पाकिस्तान जबतक दहसत गर्दी से हटेगा नहीं तबतक बात नहीं होगी। वो सुनने से भी इनकार कर रहे थे, मुलाकात इतनी अच्छी नहीं हुई, लेकिन मुझे भाजपा के माइंडसेट को लेकर क्लैरिटी ज्यादा समझ आने लग गई।”
“कश्मीर में इनका क्या आगे अमल होगा, उस हिसाब से हमने उस वक्त की रेकेमेंडेशन भिजवाई इस्लामाबाद। फिर वो हमें पहले से अंदाजा हो रहा था कि मामलात किस तरफ जा रहे हैं…..। हुर्रियत को लेकर हमारे रिश्तों को लेकर भारत ने जो स्टैंड लिया उसके बाद जम्मू में हिंदू कम्युनिटी काफी प्रो भाजपा हो गई और उसकी वजह से उनको 25 सीटें मिल गई। पहली बार दूसरे नंबर की पार्टी बन गई भाजपा। आरएसएस का जो मुस्लिम राष्ट्रीय मंच उसने भी बड़ा रोल किया वहां पर।”
“एक लिहाज से मुलाकात मेरे लिए ज्यादा बेहतर से समझने वाली हुई। उसके बाद भी जब भाजपा और पीडीपी का गठबंधन बन गया तो कई बार राम माधव से मुलाकात कहा लेकिन वे टालते रहे, उसके बाद हम एक पार्टी में जरूर मिले लेकिन उस तरह की मुलाकात नहीं हो सकी।”