एक दिन में 35000 लोगों का खाना खा सकता है टिड्डियों का एक झुंड, मुश्किल में कई देश
अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में टिड्डियों ने इस समय कहर बरपा रखा है। यह आफत इतनी बड़ी है कि इसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक चिंता पैदा कर दी है।
बीजिंग: अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया में टिड्डियों ने इस समय कहर बरपा रखा है। यह आफत इतनी बड़ी है कि इसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक चिंता पैदा कर दी है। चीनी विशेषज्ञों के मुताबिक, टिड्डियों के खतरे का सामना करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत किया जाना चाहिए। यह बताया गया है कि एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने वाला टिड्डियों का झुंड एक दिन में 35,000 लोगों का भोजन खा सकता है। बता दें कि हाल के महीनों में कई देश टिड्डियों से पीड़ित हैं।
कई देशों में फैला है रेगिस्तानी टिड्डियों का आतंक
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, टिड्डी संकट पश्चिम अफ्रीका से पूर्वी अफ्रीका और पश्चिम एशिया से दक्षिण एशिया तक 20 से अधिक देशों में फैल चुका है। 1.6 करोड़ वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाका टिड्डियों के आतंक से प्रभावित है। रेगिस्तानी टिड्डियों ने अपने सीमा पार प्रवास के दौरान लाखों हेक्टेयर वनस्पतियों को खा लिया है, जो प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही असुरक्षित खाद्य सुरक्षा स्थितियों को बढ़ा रहे हैं।
जून तक 500 गुना हो सकती हैं रेगिस्तानी टिड्डियां
विश्लेषकों का कहना है कि अगर नियंत्रण के लिए कोई उपाय नहीं किए गए तो इस साल जून तक रेगिस्तानी टिड्डियों की संख्या 500 गुना तक बढ़ सकती है और इसके अफ्रीका और एशिया के 30 देशों में फैलने की संभावना होगी। यह टिड्डी आपदा इतनी गंभीर क्यों है? चीनी कृषि विज्ञान अकादमी के शोधकर्ता चांग ज्येह्वा ने कहा कि यह 2018 से 2019 तक इन क्षेत्रों में आई बारिश से संबंधित है। पर्याप्त पानी रेगिस्तानी टिड्डियों के प्रजनन और वृद्धि के लिए अच्छा वातावरण बनाता है।
3 महीने तक जिंदा रह सकती हैं रेगिस्तानी टिड्डियां
रेगिस्तानी टिड्डियों को दुनिया के सबसे विनाशकारी प्रवासी कीटों में से एक माना जाता है। वे हर दिन हवा में 150 किलोमीटर उड़ सकते हैं और लगभग 3 महीने तक जीवित रह सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी ऐतिहासिक डेटा में रेगिस्तान टिड्डी के नुकसान का कोई रिकॉर्ड नहीं है। सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थलाकृति, जलवायु वातावरण और टिड्डों की प्रवासी आदत जैसे कारकों के मुताबिक, रेगिस्तानी टिड्डियों को चीन को नुकसान पहुंचाने की संभावना काफी कम है।
टिड्डियों के खतरे से निपटने के लिए चीन तैयार
चांग ज्येह्वा ने कहा, ‘यदि रेगिस्तानी टिड्डियां चीन में प्रवेश करती हैं तो चीन अपने नुकसान को कम करने में सक्षम है। टिड्डी विपत्ति केवल प्रभावित क्षेत्रों की समस्या नहीं, बल्कि एक वैश्विक समस्या भी है।’ विपत्ति की चेतावनी और प्रतिक्रिया लेने के अलावा, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना भी महत्वपूर्ण है। हाल के वर्षों में, चीन में टिड्डी की निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी क्षमता में लगातार सुधार हुआ है और टिड्डियों की रोकथाम के लिए काफी दवा भी इकट्ठा है।