इस्लामाबाद: पाकिस्तान में घर में काम करने वाली एक बच्ची के खिलाफ हिंसा का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। 8 साल की इस बच्ची को उसके नियोक्ता ने इतनी बेहरमी से मारा कि उसकी मौत हो गई। बच्ची का कुसूर बस इतना था कि तोते का पिंजरा साफ करते वक्त तोता पिंजरे से उड़ गया था। इस अमानवीय घटना से पूरे पाकिस्तान में लोगों और नेताओं में रोष है और उन्होंने इस बच्ची के लिए न्याय की मांग की है।
‘6 जून तक पुलिस हिरासत में दंपति’
पुलिस ने बताया कि ज़हरा नाम की बच्ची रावलपिंडी में एक दंपति के घर काम करती थी। उसके नियोक्ता उसे घायल अवस्था में बेगम अख्तर रुखसाना मेमोरियल अस्पाल में रविवार को ले कर पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि दंपति को उसी दिन गिरफ्तार करके 6 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। रावत पुलिस थाने के अधिकारियों ने बताया कि ज़हरा के नियोक्ता ने स्वीकार किया कि उसकी गलती से उनका कीमती तोता पिंजरे से उड़ गया था और गुस्से में आ कर उसने और उसकी पत्नी ने बच्ची को बहुत मारा।
‘4 महीने पहले ही काम पर रखा था’
रावत पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार बच्ची के चेहरे, हाथों, पसलियों के नीचे और पैरों में चोट के निशान थे। प्राथमिकी के अनुसार उसकी जांघों पर भी घाव थे ,जिससे बच्ची के साथ यौन दुष्कर्म होने की भी आशंका है। पुलिस ने नमूने फॉरेंसिक टीम को भेज दिए हैं और रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। पुलिस ने बताया कि ज़हरा पंजाब के कोट अद्दू की रहने वाली थी और दंपति ने अपने एक साल के बच्चे की देखरेख के लिए 4 माह पूर्व उसे काम पर रखा था। बच्ची के रिश्तेदारों ने बताया कि दंपति ने बच्ची को काम पर रखने से पहले वादा किया था कि वे उसे शिक्षा देंगे।
सांसद ने कहा- रुकना चाहिए बाल श्रम
इस बीच मानवाधिकार मंत्री शीरीन मज़ारी ने कहा कि उनका मंत्रालय इस मामले को देख रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हमारा वकील मामले को देख रहा है। पति और पत्नी 4 दिन की हिरासत में हैं।’ पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सांसद शेरी रहमान ने इस घटना पर कहा कि बाल श्रम रुकना चाहिए। पीपीपी की एक अन्य नेता शर्मिला फारुकी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि अपराध की ‘बर्बरता’ स्तब्ध कर देने वाली है।
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