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काबुल में 2 मिनीवैन को निशाना बनाकर किए गए बम विस्फोट में 7 व्यक्तियों की मौत

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शिया बहुल इलाके में शनिवार को 2 मिनीवैन को अलग-अलग बम धमाकों के जरिए निशाना बनाया गया। इस घटना में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई और 6 अन्य घायल हो गए।

Kabul Blast, Kabul Minibus Blast, Afghanistan Minibus Blast, Kabul Blast- India TV Hindi Image Source : AP REPRESENTATIONAL अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शिया बहुल इलाके में शनिवार को 2 मिनीवैन को अलग-अलग बम धमाकों के जरिए निशाना बनाया गया।

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शिया बहुल इलाके में शनिवार को 2 मिनीवैन को अलग-अलग बम धमाकों के जरिए निशाना बनाया गया। इस घटना में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई और 6 अन्य घायल हो गए। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के उपप्रवक्ता अहमद जिया जिया ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विस्फोटों के जरिए पश्चिमी काबुल के एक इलाके में 2 मिनीवैन को निशाना बनाया गया। उन्होंने बताया कि इन मिनीवैन के बीच की दूरी करीब 2 किलोमीटर थी। यह तत्काल स्पष्ट नहीं हो सका कि इसमें किस तरह के बमों का इस्तेमाल किया गया और अभी किसी ने भी इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है।

पहले भी हो चुके हैं मिनीवैन पर हमले
बता दें कि इस्लामिक स्टेट समूह ने पूर्व में इस क्षेत्र में इसी तरह के बम विस्फोट किए हैं, जिसमें इस महीने की शुरुआत में 4 मिनीवैन पर 4 हमले शामिल हैं, जिसमें कम से कम 18 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। पहले विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई और 2 अन्य घायल हो गए जबकि दूसरा विस्फोट मुहम्मद अली जिन्ना अस्पताल के सामने हुआ, जहां अधिकांश कोविड-19 रोगी भर्ती हैं और इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 4 अन्य घायल हो गए। जिस क्षेत्र में विस्फोट हुआ वह अल्पसंख्यक हजारा जातीय समूह बहुल इलाका है, जो अधिकतर शिया मुसलमान हैं।

अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक हैं शिया
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने दोनों इलाकों की घेराबंदी कर दी है और जांचकर्ता मलबे की छानबीन कर रहे हैं। बता दें कि सुन्नी बहुल अफगानिस्तान में शिया अल्पसंख्यक हैं और इस्लामिक स्टेट से संबद्ध इसका स्थानीय संगठन अक्सर उन्हें निशाना बनाता है। एक अनुमान के मुताबिक, 3.6 करोड़ की जनसंख्या वाले अफगानिस्तान में करीब 20 पर्सेंट आबादी शिया मुसलमानों की है। अमेरिका द्वारा ट्रंप प्रशासन के दौरान हुए शांति समझौते के बाद भी देश में हिंसा की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि हाल के दिनों में इसमें तेजी ही देखने को मिली है।

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