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म्यांमार हिंसा के पहले ही महीने में मारे गए 6,700 रोहिंग्या मुसलमान

डॉक्टर्स विदआउथ बॉर्डर्स (एमएसएफ) ने आज बताया कि म्यांमार के रखाइन राज्य में विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के पहले ही महीने में कम से कम 6,700 रोहिंग्या मुसलमान मारे गए थे।

6,700 Rohingya Muslims killed in the first month of Myanmar...- India TV Hindi 6,700 Rohingya Muslims killed in the first month of Myanmar violence

यंगून: डॉक्टर्स विदआउथ बॉर्डर्स (एमएसएफ) ने आज बताया कि म्यांमार के रखाइन राज्य में विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के पहले ही महीने में कम से कम 6,700 रोहिंग्या मुसलमान मारे गए थे। यह कार्रवाई अगस्त के आखिर में शुरू हुई थी। एमएसएफ के आंकड़े सर्वाधिक अनुमानित मृतक संख्या हैं। रखाइन राज्य में हिंसा 25 अगस्त को शुरू हुई और इसने बड़ा शरणार्थी संकट खड़ा कर दिया जब तीन महीने में 620,000 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से बांग्लादेश चले गए थे। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने सैन्य अभियान को मुस्लिम अल्पसंख्यकों का जातीय सफाया बताया था लेकिन हिंसा में मरने वालों की अनुमानित संख्या जारी नहीं की थी।

एमएसएफ ने बृहस्पतिवार को बताया कि कम से कम भी अनुमान लगाए तो भी 6,700 रोहिंग्या हिंसा में मारे गए थे। इनमें पांच साल से कम उम्र के 730 बच्चे भी शामिल हैं। समूह की यह पड़ताल रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों में 2,434 से ज्यादा घरों पर किए गए छह सर्वेक्षण से सामने आई है। ये सर्वेक्षण एक माह में किए गए थे। समूह के मेडिकल निदेशक सिडनी वॉन्ग ने कहा कि हम म्यांमार में हुई हिंसा के पीड़ितों से मिले तथा बात की। वे बांग्लादेश में क्षमता से अधिक भरे तथा गंदे शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।

सर्वेक्षण के मुताबिक, 69 फीसदी मामलों में मौत गोली लगने से हुई, जबकि नौ फीसदी मौतें घरों में जिंदा जलाने से हुईं। पांच प्रतिशत लोगों को पीट पीट कर मारा डाला गया। पांच साल से कम उम्र के करीब 60 फीसदी बच्चों की मौत गोली लगने की वजह से हुई है। म्यांमार की सेना ने किसी भी तरह का दुर्व्यवहार किए जाने से इंकार करते हुए कहा है कि 376 रोहिंग्या आतंकवादियों सहित केवल 400 लोगों की मौत कार्रवाई शुरू होने के शुरूआती कुछ सप्ताह में हुई।

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