फोटो - साभार मेल अॉनलाइन
मोसुल: युद्धग्रस्त इराक के मासुल शहर में इफ्तार में ज़हरीला भोजन खाने से 45 ISIS आतंकियों की मौत हो जाने का समाचार है। इन मौतों के पीछे असली वजह फूड पॉयज़निंग है या फिर यह जानबूझकर भोजन में ज़हर मिलाने का मामला है, इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है।
कुर्दों ने कहा – मौतों की असली वजह नहीं मालूम
कुर्दिश डेमोक्रेटिक पार्टी के हवाले से बताया गया है कि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि आतंकवादी फूड पॉयज़निंग से मरे या ज़हरीला भोजन खाने से। दरअसल इस मामले में कम से कम 45 ISIS आतंकवादियों के रोज़ा ज़हरीले भोजन से खोलने की वजह से मारे जाने का समाचार है। कुल 145 आतंकवादी इफ्तार भोजन के लिए जमा हुए थे, जिनमें से केवल 100 आतंकी जीवित बचे।
पिछले साल नवंबर में भी ऐसी घटना हुई थी
पिछले साल नवंबर में फ्री सीरियन आर्मी विद्रोही ग्रुप के लड़ाकों ने बावर्ची के भेस में दर्जनों ISIS आतंकवादियों को मार डाला था। बताया जाता है कि तब कुल 1200 आतंकवादी वहां दोपहर के भोजन के लिए जमा थे।
इराकी जनता के पास भोजन नहीं, ISIS की दावत
ISIS आतंकवादियों ने इराकी जनता पर रमज़ान के पवित्र महीने में भी अत्याचार बंद नहीं किए हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट्स ऐसे फोटो से भरी हुई हैं, जिनमें इराकी बच्चे, महिलाएं और बूढ़े लोग, युद्ध से तबाह हो चुकी गलियों व सड़कों पर बर्तन लेकर कभी न आने वाले भोजन का इंतज़ार कर रहे हैं। इसके विपरीत ISIS आतंकवादी लज़ीज़ पकवानों से रोज़ा तोड़ रहे हैं।
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