चीन के हेबेई प्रांत में कोविड-19 के 380 मामले, हेबेई और बीजिंग के बीच लोगों की आवाजाही पर लगी रोक
कोविड-19 की नयी लहर के दौरान बीजिंग से दक्षिण में स्थित हेबेई प्रांत में संक्रमण के 360 से ज्यादा नए मामले आए हैं।
बीजिंग। कोविड-19 की नयी लहर के दौरान बीजिंग से दक्षिण में स्थित हेबेई प्रांत में संक्रमण के 380 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। हेबेई के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि 40 नए मामलों की पुष्टि रविवार सुबह हुई जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 223 हो गई। वहीं 161 लोगों में संक्रमण के लक्षण नहीं हैं। चीन संक्रमितों की संख्या में उन लोगों को शामिल नहीं करता है, जिनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, लेकिन कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। हेबेई में आ रहे नए मामले राजधानी बीजिंग से निकटता के कारण चिंता का विषय बने हुए हैं।
हेबेई और बीजिंग के बीच लोगों की आवाजाही पर लगाई गई रोक
हेबेई और बीजिंग के बीच लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। हेबेई से जो लोग बीजिंग जाना चाहते हैं उन्हें प्रवेश से पहले राजधानी में अपने काम करने का साक्ष्य देना पड़ रहा है। हेबेई में आए ज्यादातर मामले प्रांतीय राजधानी शिजुआजुआंग से हैं जो कि बीजिंग से करीब 260 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। कुछ मामले शिंगताई शहर में भी आए हैं। दोनों ही शहरों में लाखों लोगों की जांच की गई है, सार्वजनिक यातायात और टैक्सियों पर रोक लगा दी गई है तथा यहां के निवासियों को एक सप्ताह तक बाहर निकलने पर रोक है। चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग) ने इससे पहले रविवार को बताया था कि इसके एक दिन पहले 69 नए मामले आए थे, जिनमें से 21 लोग वैसे थे, जो विदेश से लौटे हैं।
अहम ऑनलाइन डेटा को डिलीट कर दिया गया?
कोरोना वायरस की महामारी को अस्तित्व में आए करीब-करीब एक साल पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक यह सच्चाई सामने नहीं आई है कि आखिर वायरस फैला कैसे और कहां से। चीन की सरकार पर महामारी फैलने की बात छिपाने के आरोप लगते रहे हैं और अब एक बार फिर वह सवालों के घेरे में है। दरअसल, दावा किया जा रहा है कि वायरस फैलने के आरोपों के घेरे में आने वाली वुहान की वायरॉलजी लैब से जुड़े अहम ऑनलाइन डेटा को डिलीट कर दिया गया है।
चीन पर लगते रहे हैं आरोप
इससे पहले पिछले हफ्ते राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के जांचकर्ताओं को देश में आने से रोक दिया था। दूसरी ओर सरकारी मीडिया इस बात का दावा किए जा रहा है कि वायरस वुहान से फैलना शुरू नहीं हुआ। महामारी की शुरुआत के बाद से इस बात के आरोप लगते रहे हैं कि चीन की सरकार ने न सिर्फ अपने देश में वायरल को गंभीरता से नहीं लिया, बल्कि पूरी दुनिया को भी अंधेरे में रखा।