काबुल: मानवाधिकार संस्था यूमन राइट्स ने आज कहा कि दो तिहाई अफगान लड़कियां असुरक्षा और गरीबी के कारण स्कूल नहीं जातीं। इससे तालिबान शासन के अंत के 16 साल बाद पुरूष प्रधान देश में महिलाओं की शिक्षा से जुड़ी चुनौतियों का पता चलता है। (अफगानिस्तान में तालिबानी हमले में 10 पुलिसकर्मियों की मौत)
मानवाधिकार संस्थान के अनुसार जहां दमनकारी तालिबान शासनकाल 1996-2001 की तुलना में अब लाखों की तादाद में ज्यादा लड़कियां शिक्षा पा रही हैं, हाल के वर्षों में प्रगति थम सी गयी है और देश के कुछ हिस्सों में छात्राओं का अनुपात गिर रहा है।
न्यूयार्क आधारित संगठन ने अफगानिस्तान के चार प्रांतों में किए गए अनुसंधान एवं सरकारी आंकड़े पर आधारित एक रिपोर्ट में कहा कि स्कूल ना जाने वाले 35 लाख बच्चों में से करीब 85 प्रतिशत लड़कियां हैं। इसमें कहा गया, अमेरिका के नेतृत्व में अफगानिस्तान में हुए सैन्य हस्तक्षेप के साथ तालिबान शासन का अंत होने के 16 साल बाद अनुमानित रूप से दो तिहाई अफगान लड़कियां स्कूल नहीं जातीं।
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