कॉक्स बाजार: म्यांमार में हिंसा के बाद जान बचा कर भाग रहे रोहिंग्या समुदाय के लोगों की नाव पलट जाने से उसमे सवार 16 लोगों की मौत हो गई। बांग्लादेश के तटरक्षकों ने गुरुवार को 16 शव बरामद किए हैं जिनमें से अधिकतर बच्चे हैं। म्यांमार में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के कारण कम से कम 18,500 रोहिंग्या देश छोड़कर सीमा पार शरण लेने के लिए मजबूर हुए हैं। बांग्लादेश में अधिकारियों ने कहा कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या समुदाय के लोग दोनों देशों को अलग करने वाली नाफ नदी को अपनी जर्जर नौकाओं से पार करने की कोशिश करते हैं लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाते और अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं।
इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन ने बुधवार को कहा कि म्यांमार के राखिन प्रांत में 6 दिन पहले शुरू हुई लड़ाई के बाद से कम से कम 18,500 रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश किया है, लेकिन इनमें से कुछ यहां पहुंच नहीं पाए। बुधवार को 2 रोहिंग्या महिलाओं और 2 बच्चों के शव बहकर बांग्लादेश आ गए थे। गुरुवार को एक स्थानीय अधिकारी नूरुल अमीन रोहिंग्या ने बताया कि एक अन्य नौका के डूब जाने के कारण 16 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा, ‘हमने 16 शव बरामद किए हैं जो आज सुबह तट पर बहकर आए थे।’
एक तटरक्षक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि प्रवासी मछली पकड़ने वाली जर्जर नौकाओं में यात्रा कर रहे थे जो समुद्र के तेज बहाव के लिए सही नहीं होती हैं। बांग्लादेश में पहले से इस समुदाय के 4,00,000 लोग रह रहे हैं। वहीं ढाका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह नहीं चाहता कि अब और लोग वहां आए। आपको बता दें कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान भारत समेत कई देशों में शरण लिए हुए हैं।
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