Year Ender 2023: तुर्कीये के भूकंप से लीबिया की बाढ़ तक, ये हैं इस साल की 10 भयानक प्राकृतिक आपदाएं
साल 2023 आपदाओं के मामले में सबसे मनहूस साल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस साल दुनिया ने तुर्किये-सीरिया के भूकंप, लीबिया की बाढ़ और हिमाचल प्रदेश के भूस्खलन तक की तस्वीरें देखी और लोखों लोगों ने इन प्राकृतिक आपदाएं का दंश झेला और अब तक झेल रहे हैं। यहां हम साल 2023 की ऐसी ही टॉप 10 आपदाओं के बारे में बता रहे हैं।
साल 2023 में दुनिया ने कई सारी भीषण प्राकृतिक आपदाएं देखीं। तुर्कीये-सीरिया में विनाशकारी भूकंप से लेकर लीबिया में आई बाढ़ तक, कुदरत ने जब इंसानियत पर गुस्सा दिखाया तो बड़े पैमाने पर तबाही मचाई और सैंकड़ों जानें लील गई। हम आपको साल 2023 में आई तमाम कुदरती आपदाओं में से 10 सबसे भयंकर घटनाओं के बारे में बताएंगे, जो इस साल इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गईं।
1. तुर्किये-सीरिया में भूकंप
वो मनहूस तारीख थी 6 फरवरी 2023, जब साउथ ईस्ट तुर्किये और सीरिया में पहले भूकंप का 7.8 तीव्रता का एक झटका और फिर 7.6 तीव्रता का दूसरा झटका आया। ये दो झटके जब तक शांत हुए तब तक जहां तक नजर जा रही थी, इमारतों की जगह बस मलबा दिखाई दे रहा था। इस प्राकृतिक आपदा में 50,000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गए। इस तबाही की तस्वीरें ऐसी थीं कि इससे पहले दुनिया ने शायद कुदरत का ऐसा गुस्सा देखा हो। दो
इस भूकंप ने तुर्किये की आर्थिक रूप घुटनों पर ला दिया। तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने बताया कि देश को भूकंप से 103.6 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है। इस भूकंप में तुर्किये के 10 शहर तबाह हो गए और 11 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ीं इमारतें जमींदोज हो गईं। जानकारों की मानें तो तुर्किये इस भूकंप के कारण करीब 10 फीट खिसक गया है।
2. लीबिया की बाढ़
10 सितंबर 2023 को तूफान डेनियल ने लीबिया में दस्तक दी। इसके कारण तेज हवाओं और अचानक भारी बारिश हुई। भूमध्यसागर से उठे तूफान ‘डेनियल’ के कारण हुई मूसलाधार बारिश के चलते डर्ना में दो बांध ढह गए थे। ये बांध ढहने से जो तबाही आई, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। लीबियाई रेड क्रिसेंट के आंकड़ों की मानें तो डर्ना में 11,300 लोग मारे गए और 10 से ज्यादा लोग लापता बताए गए थे।
तूफान के चलते देश के अन्य हिस्सों में भी लगभग 170 लोगों की मौत हो गयी।संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार बाढ़ से डर्ना में कम से कम 30,000 लोग विस्थापित हुए हैं और कई हजार लोगों को अन्य शहरों में अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
3. मोरक्को का भूकंप
मोरक्को में 9 सितंबर 2023 की देर रात आए 6.8 तीव्रता के भूकंप के कारण 2,900 से अधिक लोगों की मौत हो गई। मोरक्को के गृह मंत्रालय ने बताया था कि भूकंप में 2,900 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 2,059 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 1,404 की हालत गंभीर थी। मंत्रालय के मुताबिक, सबसे अधिक 1,293 लोगों की मौत अल हौज प्रांत में हुई है।
उसने बताया कि कम से कम 2,059 लोग घायल हुए हैं। मोरक्को में सितंबर में आया 6.8 तीव्रता का भूकंप, देश में पिछले 120 साल में आया सबसे भीषण भूकंप था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 6.8 थी और इसका केंद्र ऐतिहासिक शहर माराकेच के एटलस पर्वत के अल-हौज़ प्रांत में स्थित था।
4. हिमाचल प्रदेश लैंडस्लाइड
साल 2023 के जुलाई-अगस्त के महीने में हिमाचल प्रदेश में इतनी भारी बारिश हुई कि प्रदेश में भीषण तबाही का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ जिसे राज्य के लोगों ने प्रदेश के पूरे इतिहास में नहीं देखा था। एक अनुमान के मुताबिक भारी बारिश के बाद भयानक बाढ़ और भूस्खलन की वजह से प्रदेश में 500 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इसके अलावा राज्य सरकार को भी करीब 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।
जुलाई में जब हिमाचल प्रदेश में बारिश,बाढ़ और भूस्खलन की सिलसिला शुरू हुआ तब मनाली में करीब 70 हजार पर्यटक घूमने के लिए पहुंचे हुए थे। हिमाचल प्रदेश में ये मॉनसून सीजन के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी है।
5. हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका में बाढ़
हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने सोमालिया, केन्या और इथियोपिया में 130 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। अक्टूबर में शुरू हुई बाढ़ से पूर्वी अफ़्रीका में 7,00,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए। अल नीनो मौसम की घटना और समुद्र की सतह के औसत से अधिक तापमान के कारण इन देशों में भयंकर बारिश हुई और इसके बाद बाढ़ आ गई।
ये बाढ़ पिछले 40 सालों में सबसे भीषण सूखे के बाद आई, जिसने 2020 से 2023 तक इस क्षेत्र को प्रभावित किया। वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन के एक अध्ययन के अनुसार, मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन के कारण इन देशों में लगभग 20 मिलियन लोगों को तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा।
6. हवाई के जंगल में लगी आग
अगस्त 2023 में अमेरिका में एक सदी से अधिक के इतिहास की सबसे भीषण जंगल की आग लगी। इस आग में जान गंवाने वालों की संख्या 100 के आसपास थी। सदियों पुराने शहर लहैना में आग लगने की घटना शुरू हुई थी और इसके बाद शहर की करीब-करीब हर इमारत तबाह हो चुकी है।
गवर्नर ग्रीन ने बताया था कि पश्चिमी माउई में कम से सम 2,200 इमारतें नष्ट या क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिनमें से 86 प्रतिशत रिहायशी भवन हैं। उन्होंने कहा था कि तकरीबन 6 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है।
7. मेक्सिको का ओटिस चक्रवात
साल 2023 का अक्टूबर खत्म होने को था और तभी मैक्सिको के दक्षिणी प्रशांत तटीय क्षेत्र में चक्रवात ‘ओटिस’ के कारण कम से कम 48 लोगों की मौत हो गई जिनमें से अधिकतर की जान अकापुल्को शहर में गई। इस तूफान में हर तरफ सिर्फ तबाही का मंजर था। सरकारी एजेंसियों ने इस शक्तिशाली चक्रवात को कैटेगरी 5 में रखा था। ओटिस तूफान के कारण सड़कों पर हर तरफ मलबा और गंदगी जमा हो गई थी।
तबाही का बड़ा कारण ये रहा कि जब चक्रवात ‘ओटिस’ तट पर पहुंचा तो इसका रफ्तार 266 किलोमीटर प्रति घंटे थी और लोगों के पास चक्रवात से बचाव की तैयारी के लिए बहुत कम समय था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने इस तूफान को "रिकॉर्ड पर सबसे तेजी से तीव्र होने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में से एक" के रूप में दर्ज किया है, जो आधुनिक समय में केवल 2015 में एक अन्य प्रशांत तूफान, पेट्रीसिया से अधिक था।
8. चीन की बाढ़
चीन में इस साल अगस्त महीने में आए तूफान ‘डोकसुरी’ के बाद हेबेई प्रांत में भीषण बाढ़ आ गई थी। इसके कारण कम से कम 29 लोगों की मौत हो गई और अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के मुताबिक, भीषण बाढ़ के कारण हुए नुकसान के बाद प्रांत के पुनर्निर्माण कार्य में करीब दो साल का समय लग सकता है।
सरकारी मीडिया ‘चाइना न्यूज सर्विस’ ने बताया कि शुरुआती आंकलन के अनुसार प्रांत को 13.2 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष आर्थिक नुकसान हुआ है। इससे पहले हेबेई प्रांत को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा और पड़ोसी बीजिंग में भी मूसलाधार बारिश हुई, जिसने कम से कम 140 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
9. कनाडा के जंगल में आग
2023 की गर्मियों में पूरे कनाडा में जंगल की आग भड़क उठी, जिससे रिकॉर्ड तोड़ 18.4 मिलियन हेक्टेयर भूमि जल गई। आग मई, जून, जुलाई और अगस्त में भड़की और इसके कारण देश में 50,000 से अधिक लोगों को निकाला गया। हालांकि पश्चिमी कनाडा में पहले भी जंगलों में आग लगी है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर यह कभी नुकसान नहीं हुआ।
धुएं के कारण न केवल टोरंटो जैसे कनाडाई शहरों में बल्कि न्यूयॉर्क में भी गंभीर वायु प्रदूषण देखने को मिला था, जहां आग के कारण 50 सालों में सबसे खराब वायु गुणवत्ता का सामना करना पड़ा। ये आग आकाशीय बिजली से लगी थी।
10. बिपरजॉय चक्रवात
इस साल जून की शुरुआत में गुजरात में तबाही मचाने वाला चक्रवात बिपारजॉय 1977 के बाद से उत्तरी हिंद महासागर में सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहने वाला चक्रवाती तूफान था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक इस साल अरब सागर में आया पहला चक्रवाती तूफान बिपारजॉय 6 जून को दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर बना और 15 जून को सौराष्ट्र और कच्छ पर उसने दस्तक दी थी। इसके बाद 18 जून को यह कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर कमजोर पड़ गया था। अरब सागर में बिपरजॉय चक्रवात ने भारत और पाकिस्तान को प्रभावित किया, जिससे तटीय क्षेत्रों से 1,80,000 से अधिक लोगों को निकाला गया था।
आईएमडी ने बिपारजॉय पर एक रिपोर्ट में कहा कि अरब सागर पर चक्रवाती तूफान कुल 13 दिन और तीन घंटे तक सक्रिय रहा, जो भीषण चक्रवाती तूफानों के 6 दिन और तीन घंटे के औसत जीवन काल से दोगुने से अधिक है। उत्तरी हिंद महासागर पर सबसे लंबे समय तक सक्रिय रहा तूफान 1977 में आठ से 23 नंवबर के बीच आया था। वह 14 दिन और 6 घंटे तक सक्रिय रहा था। बिपारजॉय ने 2,525 किलोमीटर के रास्ते में 9 बार अपनी राह बदली थी जिससे मौसम विज्ञानियों के लिए चक्रवात की राह का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया।