World War III: रूस, चीन और अमेरिका के बीच जारी खींचतान के चलते दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच पिछले छह महीने से युद्ध चल रहा है। चीन और ताइवान के बीच भी युद्ध जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं। वही आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष जारी है। भारत-चीन सीमा पर शांति बनी है लेकिन दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। ऐसे में यूरोप से लेकर एशिया तक सैन्य गतिविधी देखी जा रही है। यही कारण है कि जर्मन वायु सेना भी अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो के समर्थन में अपने लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलिया भेज रही है। जर्मन फाइटर जेट ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया की वायु सेना के साथ संयुक्त अभ्यास करने जा रहे हैं। ये पूरी अभ्यास एशिया के धरती पर होगा ऐसे में माना जा रहा है कि सीधे तौर पर चीन के खिलाफ अमेरिका के सहयोगियों की सैन्य ताकत का प्रदर्शन होगा।
जर्मन लड़ाकू ऑस्ट्रेलिया पहुंची
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अपनी रैपिड पैसिफिक तैनाती में जर्मनी छह यूरोफाइटर फाइटर्स, 200 एयरमैन, एक A330 मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट और एक A400M ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भेजेगा। ये लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ युद्धाभ्यास करेंगे। यह पहली बार है जब ऑस्ट्रेलियाई और जर्मन वायु सेनाएं 17 देशों की सेनाओं को शामिल करने वाले पिच ब्लैक अभ्यास में एक साथ नजर आएंगी। इस अभ्यास में भाग लेने वाले जर्मन वायु सेना के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इंगो गेरहार्ट्ज ने कहा कि भारत-प्रशांत का जर्मनी के लिए बहुत महत्व है। हम इस क्षेत्र में कई भागीदारों के साथ समान मूल्य साझा करते हैं।
अभ्यास में शामिल होंगे इन देशों के लड़ाकू विमान
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, न्यूजीलैंड, नीदरलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के विमान और कर्मियों ने भाग लिया। तीन सप्ताह की पिच ब्लैक एक्सरसाइज। भाग लेंगे इस युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले कुल कर्मियों की संख्या 2,500 है, जबकि 100 विमान विभिन्न अभियानों में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स के मुताबिक जर्मनी, जापान और दक्षिण कोरिया पहली बार इस अभ्यास में हिस्सा लेने जा रहे हैं।
इस विमान का सबसे अधिक ताकत
यूरोफाइटर टाइफून नई पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है। इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली विमानों में से एक माना जाता है। यह एक फोरप्लेन/डेल्टा विंग एयरक्राफ्ट है जो अत्याधुनिक एवियोनिक्स और सेंसर, डिफेंसिव एड्स सब सिस्टम (डीएएसएस) और अत्याधुनिक हथियारों से लैस है। इसे 27 मिमी बंदूकें, हवा से हवा, हवा से जमीन, जहाज रोधी और सटीक निर्देशित मिसाइलों के साथ तैनात किया जा सकता है। इस विमान को ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी समेत कई देशों ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।
Latest World News