World News: इन दिनों इस देश में गर्मी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। यहां पर गर्मी ने पिछले 147 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। खैर चिलचिलाती धूप से बचने के लिए लोग बाहर नहीं निकल रहे लेकिन घरों में भी वे नहीं रूक सकते क्यों कि बाहर धूप से लोग परेशान हैं और घर में लाइट कटने से। आखिर इंसान करे तो क्या करे?
चलिए हम आपको बताते हैं कि ऐसा हाल इस वक्त जापान का है। यहां राजधानी टोक्यो के आसपास के इलाके में इतनी भयंकर गर्मी पड़ रही कि लोग की जीना मुहाल हो गया है। लगातार 7वें दिन यहां का तापमान 35 डिग्री से उपर रहा। मौसम विभाग ने बताया कि जापान में अभी तापमान लगभग 36 डिग्री रह रहा है।
जापान में बिजली संकट
ऐसे में जापान में बिजली संकट भी मुंह फाड़े खड़ी है। लोगों के घरों में घंटों-घंटों तक लाइट नहीं रह रही है। जापान सरकार ने पैदा हुए बिजली संकट को देखते हुए लोगों से कम बिजली इस्तेमाल करने को कहा है। सरकार ने कई कंपनियों के कर्मचारियों के काम के घंटे भी कम कर दिए हैं ताकि बिजली बचाई जा सके। कर्मचारियों से यह आग्रह किया गया है कि जब जरूरत न हो तो मशीन उपकरणों को भी बंद रखा जाए। कई ट्रनों के एक्सेलेटर भी बंद कर दिया गया है। बिजली संकट को देखते हुए सरकार ने यहां के शहर योकोहामा में सभी मनोरंजन पार्क बंद करने के आदेश दिया है।
कोरोना के बीच भी सरकार ने लोगों से मास्क न लगाने की अपील की
कोरोना महामरी के बीच भी जापान सरकार यहां के लोगों से बाहर निकलते वक्त मास्क न लगाने को कह रही है। बता दें कि जापान में कोरोना से पहले भी मास्क न लगाने का चलन था। मौसम विभाग ने यहां पर सोमवार को बारिश होने का अनुमान लगाया है इससे लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिलेगी।
ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहा तापमान
इंसान ने प्रकृत के साथ इतना खिलवाड़ किया है कि नतीजे में ग्लोबल वार्मिंग जैसी विपदा दुनिया झेल रही है। जापान में भी बढ़ते तापमान का कारण ग्लोबल वार्मिंग ही है। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से धरती पर जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। 1750 के बाद से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन तेजी से बढ़ा है। 2019 में एन्वायर्नमेंट में कार्बन डाइऑक्साइड का लेवल अब तक सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है।
नासा की चेतावनी- बढ़ता तापमान लेकर आएगा तबाही
नासा के मुताबिक, साल 2100 तक धरती पर इतनी गर्मी पड़गी कि लोग झेल नहीं पाएंगे। कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण नहीं रोका गया तो तापमान में औसतन 4.4 की बढ़त्तरी होगी।
भारत में हिमालय का दो तिहाई हिस्सा पिघल जाएगा
रिपोर्ट के अनुसार हिन्दुकुश हिमालय क्षेत्र में स्थित ग्लेशियर इस इलाके के रहने वाले 24 करोड़ लोगों को पानी की आपूर्ति करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनमें 8 करोड़ 60 लाख भारतीय भी शामिल हैं। मोटे तौर पर देखें तो यह आबादी भारत के पांच सबसे बड़े शहरों की जनसंख्या के बराबर है। हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित लाहौल-स्पीति जैसे ग्लेशियर 21वीं सदी के शुरू से ही पिघल रहे हैं और अगर इनमें कमी नहीं आयी तो हिन्दु कुश हिमालय के ग्लेशियर्स का दो तिहाई हिस्सा पिघल जाएगा।
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