World News: रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रविवार को मिस्र के अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए काहिरा पहुंचे हैं। यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से रूस निकलने को लेकर प्रयासरत है। रूस के सरकारी टेलीविजन नेटवर्क ‘RT’ के अनुसार, लावरोव अपनी अफ्रीका यात्रा के पहले चरण में शनिवार देर रात काहिरा पहुंचे। वह इस दौरान इथियोपिया, युगांडा और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो भी जाएंगे। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी के ऑफिशियल अकाउंट के अनुसार रूसी मुख्य राजनयिक लावरोव ने रविवार सुबह राष्ट्रपति सिसी के साथ काहिरा के राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। इसके बाद लावरोव ने मिस्र के विदेश मंत्री समेह शुकरी के साथ बातचीत की।
युद्ध से पूरी दुनिया पर प्रभाव पड़ा
‘RT’ के अनुसार रूसी मुख्य राजनयिक का रविवार को बाद में अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घीत से मिलने का कार्यक्रम है। वह अरब संगठन के स्थायी प्रतिनिधियों को भी संबोधित करेंगे। यूक्रेन में रूस के युद्ध का विश्व अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, जिससे तेल और गैस की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं। यूक्रेन गेहूं, मक्का और सूरजमुखी के तेल का दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है, लेकिन देश पर रूस के आक्रमण और इसके बंदरगाहों की नौसैनिक नाकाबंदी ने खेपों को रोक दिया है। कुछ यूक्रेनी अनाज यूरोप के रास्ते से रेल, सड़क और नदी द्वारा ले जाया जाता है, लेकिन इसमें परिवहन लागत अधिक होती है। युद्ध ने रूसी उत्पादों की खेपों को बाधित कर दिया है क्योंकि परिवहन और बीमा कंपनियां देश पर पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से निपटना नहीं चाहती।
युद्ध से बढ़ती महंगाई से अफ्रीकी देशों का हाल-बेहाल
अफ्रीकी देश युद्ध के प्रभावों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। महत्वपूर्ण वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसने अफ्रीका और मध्य पूर्व के संघर्ष वाले क्षेत्रों में लाखों लोगों को भोजन और अन्य सहायता की बढ़ती कमी से प्रभावित किया है। रूसी विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक लेख में, लावरोव ने पश्चिमी देशों के इन आरोपों को खारिज किया कि रूस वैश्विक खाद्य संकट के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने इसे ‘‘दोष अन्य पर मढ़ने का एक और प्रयास’’ करार दिया। लावरोव का यह लेख चार अन्य समाचारपत्रों में भी प्रकाशित हुआ।
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