सैकड़ों वर्षों में पहली बार ईसा मसीह के जन्म स्थान बेथलहम पर नहीं मना कोई जश्न, Christmas Day पर सन्नाटे की वजह जान आ जाएंगे आंसू
पूरी दुनिया भले ही क्रिसमस डे के जश्न में डूबी है, मगर ईसा मसीह के जन्म स्थान बेथलहम में सन्नाटा पसरा है। सैकड़ों वर्षों के इतिहास में संभवतः ऐसा पहली बार हो रहा है, जब बेथलहम में कोई जश्न नहीं है। यहां कोई क्रिसमस ट्री नहीं सजाया गया है और किसी तरह की क्रिसमस फीलिंग भी नहीं है। इसका कारण इजरायल-हमास का युद्ध है।
पूरी दुनिया आज क्रिसमस डे के जश्न में डूबी है। मगर ईसा मसीह के जन्मस्थान बेथलहम में आज सन्नाटा छाया हुआ है। सैकड़ों वर्षों के इतिहास में वर्ष 2023 में ऐसा पहली बार हुआ है, जब प्रभु ईसा मसीह के जन्मस्थान बेथलहम में क्रिसमस डे पर कोई जश्न नहीं है। यहां न तो कोई सजावट की गई है और न ही कोई पर्यटक जश्न के लिए आया है। पूरा का पूरा बेथलहम वीरान पड़ा है। प्रभु यीशु ने भी शायद कभी नहीं सोचा रहा होगा कि एक दिन ऐसा भी आएगा, जब उनके जन्मस्थान पर क्रिसमस डे का जश्न मनाने वाला कोई नहीं होगा। मगर क्रिसमस डे पर ईसा मसीह के जन्मस्थान पर सन्नाटे की वजह क्या है, आखिर क्यों बेथलहम इस बार वीरान पड़ा है। इसकी वजह जानेंगे तो आंखों से आंसू छलक पड़ेंगे।
ईसा मसीह का जन्मस्थान बेथलहम हर बार दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों से क्रिसमस डे पर गुलजार रहता है। मगर इस बार देश-दुनिया से कोई भी भक्त बेथलहम नहीं गया है। यहां लोग "चर्च ऑफ द नेटिविटी" को देखने आते हैं। ईसाइयों का मानना है कि यह उस स्थान पर है, जहां यीशु का जन्म हुआ था। बेथलहम आम तौर पर क्रिसमस पर सबसे व्यस्त रहता है, लेकिन इस साल इजरायल-हमास युद्ध के चलते यहां अजीब सा सन्नाटा पसरा है। यहां कोई भी पर्यटक जश्न के लिए नहीं आया। न ही यीशु के जन्नस्थान वाले चर्च में किसी तरह की कोई सजावट की गई है। यहां कोई क्रिसमस ट्री नहीं सजाया गया है। ऐसा सन्नाटा सैकड़ों वर्षों के इतिहास में लोग पहली बार देख रहे हैं।
युद्ध के कारण पर्यटकों में डर
इजरायल-हमास युद्ध ने इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी शहर से पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को डरा दिया है, जिससे होटल, रेस्तरां और स्मारिका दुकानें वीरान हो गई हैं। दक्षिणी इज़रायल में हमास के हमलों, उसके बाद गाजा पर इज़रायल के सैन्य हमले और वेस्ट बैंक में हिंसा में वृद्धि की खबरें पिछले 7 अक्टूबर से ही वैश्विक सुर्खियों में छाई हुई हैं। इससे दुनिया भर के पर्यटकों में डर फैल गया है।बेथलहम में व्यापार मालिकों ने कहा कि इस बार यहां कोई भी नहीं आ रहा है। "हमारे पास कोई मेहमान नहीं है। एक भी नहीं, एक व्यापारी ने कहा, कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से बेथलेहम में रह रहा है और काम कर रहा है। मगर "यह अब तक का सबसे खराब क्रिसमस है।
न क्रिसमस ट्री, न कोई जश्न
लोगों ने कहा कि पहली बार बेथलहम क्रिसमस पर बंद है। यहां कोई क्रिसमस ट्री नहीं, कोई खुशी नहीं, कोई क्रिसमस की भावना नहीं।" यरूशलेम के ठीक दक्षिण में स्थित बेथलहम आय और नौकरियों के लिए दुनिया भर से आने वाले आगंतुकों पर बहुत अधिक निर्भर है, जो चर्च ऑफ द नेटिविटी को देखने आते हैं। ईसाइयों का मानना है कि यह वही स्थान है जहां यीशु का जन्म हुआ था। 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले से पहले यहां के होटल क्रिसमस के लिए पूरी तरह से बुक थे। अन्य लोग शहर के बाहर कमरे तलाश रहे थे, क्योंकि होटलों में जगह नहीं मिल रही थी। मगर इसके बाद सबकुछ बदल गया। जब से युद्ध शुरू हुआ, सभी ने बुकिंग रद्द कर दिया, जिसमें अगले साल की बुकिंग भी शामिल थी।
1967 के युद्ध के बाद से इजरायल का है वेस्ट बैंक पर कब्जा
वर्ष 1967 में इजरायल और पड़ोसी अरब देशों के बीच भीषण युद्ध हुआ था। इसके बाद इजरायल ने वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया। हालांकि फिलिस्तीनी इसे अभी भी अपने भविष्य के स्वतंत्र राज्य के रूप में चाहते हैं। मगर यहां इज़राइल ने पूरे क्षेत्र में यहूदी बस्तियां बनाई हैं, जिन्हें अधिकांश देश अवैध मानते हैं। जबकि इज़रायल इसे अपनी जमीन से ऐतिहासिक और बाइबिल संबंधों का हवाला देते हुए इस पर विवाद करता है। इजरायल के कई मंत्री भी बस्तियों में रहते हैं और वह उसके विस्तार के पक्षधर हैं। 7 अक्टूबर के बाद से वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों पर यहूदियों के बसने की संख्या और बढ़ गई है। बेथलहम का मैंगर स्क्वायर, चर्च ऑफ द नेटिविटी के सामने एक बड़ा पक्का स्थान जो आमतौर पर क्रिसमस समारोहों के लिए केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करता है, वह भी इस बार शांत और लगभग खाली है। साथ ही पास की सड़कें भी सन्नाटे में डूबी हैं, जहां अधिकांश स्मारिका दुकानें होती हैं। मगर इस बार वह सभी बंद थीं।