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कौन था हसन नसरल्लाह, जिसे IDF ने कर दिया ढेर; हिजबुल्लाह चीफ बनने से लेकर इजरायल से बैर की कहानी

इजरायली सेना ने शुक्रवार और शनिवार को लेबनान की राजधानी बेरूत पर किए गए हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराया है। हिजबुल्लाह ने पिछले एक हफ्ते से इजरायल से सीधी जंग ठान ली थी।

हसन नसरल्लाह, हिजबुल्लाह चीफ। - India TV Hindi Image Source : AP हसन नसरल्लाह, हिजबुल्लाह चीफ।

येरूशलम/बेरूतः इजरायली हमले में मारा गया हिजबुल्लाह का चीफ लीडर सैय्यद हसन नसरल्लाह कौन था, वह इस खूंखार आतंकवादी संगठन का मुखिया कैसे बना, आखिर क्यों उसने इजरायल से दुश्मनी मोल ले ली और आईडीएफ के हमले में ढेर हो गया? हसन नसरल्लाह के आतंक की पूरी कहानी आपको बताएंगे। आखिर किस तरह से और किसकी मदद से हिजबुल्लाह ने लेबनान में अत्याधुनिक हथियारों से लैस आर्मी बना डाली, जिसने ताकतवर देश इजरायल से दुश्मनी करने से जरा भी संकोच नहीं किया। 

सैय्यद हसन नसरल्लाह लेबनान की राजधानी बेरूत के उत्तरी बुर्ज हामुद में 31 अगस्त 1960 को पैदा हुआ था। उसके पिता ने बहुत गरीबी में हसन नसरल्लाह का पालन-पोषण किया था। वह एक दुकान चलाते थे। ताकि बच्चों की परवरिश की जा सके। हसन नसरल्लाह 8 भाई-बहन थे। साल 1992 में नसरल्लाह को हिजबुल्लाह का चीफ लीडर बनाया गया था। ईरान के समर्थन से उसने लेबनान में हिजबुल्लाह को काफी मजबूत और अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित कर दिया था। हिजबुल्लाह की इजरायल से दुश्मनी कोई नई नहीं थी, बल्कि इसका गठन ही इजरायल के खिलाफ हुआ था। वह अपने ठिकाने को हमेशा बदलता रहता था। ताकि दुश्मन कभी भी उसका शिकार नहीं कर सके। मगर इस बार इजरायली सेना की नजरों से वह खुद को बचा नहीं सका। नसरुल्लाह के 4 बेटे भी हिजबुल्लाह से ही जुड़े थे। उसका सबसे बड़ा बेटा हिजबुल्लाह का लड़ाका था और इजरायली हमले में 1997 में ही मारा जा चुका था। 

इजरायल से कैसे ठनी नसरल्लाह की दुश्मनी

लेबनान में गृहयुद्ध के दौरान एक्टिव हो गया था नसरल्लाह 1975 में लेबनान में छिड़े गृहयुद्ध के दौरान ही एक्टिव ह गया था। वह लेबनानी क्षेत्र पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ था। उसने तभी से इजरायल से दुश्मनी मोल ले ली थी।  वह पहले शिया मिलिशिया संगठन का सदस्य था। बाद में हिजबुल्लाह में शामिल हो गया। साल 1992 में हिजबुल्लाह चीफ सैय्यद अब्बास मुसावी की हत्या के बाद नसरल्लाह इसका चीफ लीडर बन गया। लेबनान में 2018 के संसदीय चुनाव में भी हिजबुल्लाह ने बड़ी जीत हासिल की। लिहाजा लेबनान के सियासी महकमे में वह अच्छी खासी पकड़ रखता था। उसका दावा था कि उसने लेबनान में 1 लाख से ज्यादा हिजबुल्लाह लड़ाकों की फौज बना रखी थी। 7 अक्टूबर 2023 को हमास की ओर से इजरायल पर किए गए आतंकी हमले के बाद इजरायली सेना के पलटवार से वह काफी नाराज था। गाजा में इजरायली सेना के भीषण हमले के खिलाफ वह 1 साल से इजरायल से युद्ध लड़ रहा था। अब पिछले 1 हफ्ते से इजरायल से वह सीधी जंग में कूद गया था।  

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