Wheat Crisis: गेहूं को लेकर पूरी दुनिया मे रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के कारण संकट है। दरअसल, इस युद्ध के कारण दुनियाभर में गेहूं की आपूर्ति प्रभावित हुई है। कई देशों में गेहूं की भारी कमी हुई है। गेहूं की कमी और विवाद के बीच अफ्रीकी देश मिस्र भारत के साथ एक समझौता कर रहा है।
इस समझौते के तहत वह अपने देश में भारत से 500,000 टन गेहूं मंगाएगा। इसके बदले में वह भारत को उर्वरक सहित अन्य उत्पाद भेजेगा। दरअसल, मिस्र गेहूं संकट से जूझ रहा है। यही कारण है कि वह भारत से गेहूं मंगाने के बारे में बातचीत कर रहा है। इसी बीच भारत में उर्वरक की कमी है, इस कारण इस डील से हमें भी उर्वरक मिल जाएगा।
गौरतलब है कि भारत ने 13 मई को गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। ट्रक के ट्रक जो गेहूं से भरे हुए थे, वे बंदरगाहों पर खड़े हुए थे। हालांकि भारत ने इस प्रतिबंध में कुछ छूट दे दी थी। दरअसल, कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से यह प्रतिबंध लगाया गया था।
वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार मिस्र के आपूर्ति मंत्री अली अल मोसेल्ही ने बताया कि वह भारत के साथ गेहूं के बदले अपने उत्पादों की अदला—बदली का समझौता कर सकता हैै। इसके लिए मोसेल्ही ने काहिरा में भारतीय राजदूत से बात भी की थी। तब 5 लाख टन गेहूं के इस समझौते पर चर्चा की गई।बता दें कि इससे पहले तुर्की को गेहूं भेजा गया था, लेकिन उसने रूबैला वायरस की शंका का बहाना बनाकर गेहूं भारत वापस भेज दिया था।
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