India-US talks over Ukraine war:रूस-यूक्रेन युद्ध को करीब नौ महीने होने को हैं, लेकिन यह अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। इससे पूरी दुनिया में हलचल मची है। विभिन्न देशों के आर्थिक हालात भी इसकी वजह से डगमगाने लगे हैं। इस बीच भारत और अमेरिका के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर कई तरह की गहन चर्चाएं हुई हैं। साथ ही दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामता को लेकर भी भारत और अमेरिका आपसी सहयोग पर सहमत हुए हैं। इससे चीन परेशान हो उठा है।
भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने यहां अमेरिका की विदेश उपमंत्री वेंडी शर्मन से मुलाकात की और द्विपक्षीय सुरक्षा व क्षेत्रीय सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों, हिंद-प्रशांत और यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने सोमवार को बताया कि बैठक के दौरान शर्मन ने रूस के अवैध आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन के लोगों के साथ अमेरिका की एकजुटता को रेखांकित किया। प्राइस ने कहा, ‘‘उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘क्वाड’ (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) के माध्यम से क्षेत्रीय और बहुपक्षीय समन्वय में सुधार के तरीकों पर भी चर्चा की।
चीन को रोकने के लिए भारत और अमेरिका ने बनाया है क्वाड
‘क्वाड’ का गठन 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए किया गया था। इसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों, क्षेत्रीय सुरक्षा व समृद्धि और लोगों के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए साझा प्रतिबद्धता दोहराई।’’ शर्मन ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा के साथ बैठक बेहतरीन रही। अमेरिका-भारत संबंधों, हिंद-प्रशांत तथा दुनिया में सुरक्षा तथा आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा की।’’ भारत, अमेरिका और कई विश्व ताकतें इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच एक स्वतंत्र, मुक्त व संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं।
पूरे साउथ चाइना सी पर दावा करता है चीन
चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी स्थापित किए हैं। क्वात्रा शहर की आधिकारिक यात्रा पर है। वह रविवार रात न्यूयॉर्क से वाशिंगटन पहुंचे।
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