इजरायल-हिजबुल्ला में सीज फायर के बाद अमेरिका और भारत का बड़ा बयान, जानें दोनों देशों ने क्या कहा?
इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच अमेरिकी मध्यस्थता के बाद युद्ध विराम की घोषणा हो गई है। भारत ने इस कदम का स्वागत किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी 13 महीने से चल रही इस जंग को खत्म करने के लिए इसे बड़ा कदम बताया है।
वाशिंगटन/नई दिल्लीः इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच सीज फायर (युद्ध विराम) का ऐलान होने के बाद अमेरिका और भारत का बड़ा बयान सामने आया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि "हम इजरायल और हिजबुल्लाह में हुए शांति समझौते का स्वागत करते हैं। हम हमेशा हमलों में वृद्धि को रखने शांति स्थापित करने और बातचीत के रास्ते पर लौटने की पक्षधर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस फैसले से पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता आएगी। "
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नेकहाकि इजरायल और लेबनान के हिज्बुल्ला ने अमेरिकी मध्यस्थता वाले शांति समझौते को स्वीकार कर लिया है, जिसे दोनों पक्षों के बीच शत्रुता की ‘‘स्थायी समाप्ति’’ के उद्देश्य से तैयार किया गया है। बाइडेन ने इजरायल और हिज्बुल्ला के बीच हुए युद्धविराम समझौते को ‘‘अच्छी खबर’’ बताया और उम्मीद जताई कि 13 महीने से अधिक समय से जारी लड़ाई में विराम गाजा में युद्ध को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
बाइडेन ने कहा-समझौता तोड़ने पर इजरायल को फिर सैन्य कार्रवाई का अधिकार
बाइडेन ने को व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) के रोज गार्डन में अपने संबोधन में कहा कि अगर हिज्बुल्ला युद्ध विराम की शर्तों को तोड़ता है तो इजरायल को लेबनान में तुरंत सैन्य अभियान फिर से शुरू करने का अधिकार है। इजरायल के सुरक्षा मंत्रिमंडल द्वारा समझौते को मंजूरी देने के तुरंत बाद बाइडेन ने कहा कि संघर्ष विराम के तहत, इजरायल अगले 60 दिनों में धीरे-धीरे लेबनान से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा। रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा मंत्रिमंडल के समक्ष एक समझौता प्रस्तुत किया था, जिसका उद्देश्य गाजा संघर्ष के बाद इजरायल और ईरान समर्थित हिज्बुल्ला के बीच महीनों से जारी लड़ाई को समाप्त करना है।
बाइडेन ने इजरायल और लेबनान के प्रधानमंत्री से की बात
इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध में अब तक सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों विस्थापित हुए हैं। बाइडेन ने कहा कि उन्होंने नेतन्याहू और लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती से बात की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि दोनों देशों की सरकारों ने इजरायल और हिज्बुल्ला के बीच विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिका के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। मैं इस समझौते को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाने में भागीदारी के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को धन्यवाद देना चाहता हूं। ‘‘मैंने अपनी टीम को इजरायल और लेबनान की सरकारों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है। ताकि इजरायल और हिज्बुल्ला के बीच लड़ाई को समाप्त करने के लिए संघर्ष विराम कराया जा सके।’
संयुक्त राष्ट्र ने भी किया समझौते का स्वागत
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने भी संघर्ष विराम की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इससे इजरायल और लेबनान के लोग जिस हिंसा, विनाश और कष्ट का सामना कर रहे हैं, वह खत्म हो जाएगा। लेबनान के लिए संयुक्त राष्ट्र की विशेष समन्वयक जीनिन हेनिस-प्लास्चर्ट ने भी इसी प्रकार की भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, ‘‘यह समझौता एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया का प्रारंभिक बिंदु है, जो संकल्प 1701 (2006) के पूर्ण कार्यान्वयन पर आधारित है, ताकि दोनों ओर के नागरिकों को वह सुरक्षा और संरक्षा बहाल की जा सके जिसके वे हकदार हैं।’’ सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने इस समझौते को इजराय0ल और क्षेत्र के लिए एक अच्छा समझौता बताया। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि जब आतंकवादियों को सैन्य और दृढ़ कूटनीति दोनों के माध्यम से हराया जाता है, तो शांति की संभावना बढ़ जाती है।
ट्रंप के प्रतिनिधि की ओर से आया ये संदेश
फ्लोरिडा के प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप की वजह से हर कोई बातचीत की मेज पर आ रहा है।’’ वाल्ट्ज राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में ट्रंप की पसंद हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ट्रंप की शानदार जीत ने बाकी दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैं पश्चिम एशिया में तनाव कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने से खुश हूं। (भाषा)