लंदनः कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया के कई देशों में हड़कंप मचा दी है। ओमिक्रॉन अब तक 63 देशों में फैल चुका है। तेजी से इसके मरीजों में इजाफा देखने को मिल रहा है। इसी बीच ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की नई स्टडी सामने आई है जिसमें चौका देने वाली बात सामने आई है।
स्टडी लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और दक्षिण अफ्रीका के स्टेलनबोश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में कहा है कि अगर जल्द ही ब्रिटेन ने सुरक्षा के अतिरिक्त उपायों को नहीं अपनाया तो अगले पांच महीनों में ब्रिटेन में ओमिक्रॉन वेरिएंट से 25,000 से 75,000 मौतें हो सकती हैं।
दरअसल ब्रिटेन में ओमिक्रॉन से संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यहां हर दिन ओमिक्रॉन के 600 से भी ज्यादा मरीज मिल रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पर जल्द काबू पाने के लिए कुछ जरूरी कदम तुरंत उठाने पड़ेंगे अन्यथा यह घातक साबित हो सकता है।
इस स्टडी में कहा गया कि आंकड़ो से पता चलता है कि इंग्लैंड में Omicron B.1.1.1.529 वेरिएंट की वजह से SARS-CoV2 तेजी से फैलेगा। अगर जल्द ही कुछ सख्त कदम नहीं उठाए गए तो अल्फा की तुलना में इसके मामले अधिक क्षमता के साथ बढ़ेंगे। ऐसा अंदाजा ओमिक्रॉन की तेजी से फैलने की क्षमता और इम्यूनिटी से बचने की वजह से लगाया जा रहा है।
63 देशों में फैल चुका है ओमिक्रॉन का संक्रमण
WHO ने कहा है कि ओमिक्रॉन अब तक 63 देशों में फैल चुका है। WHO ने कहा कि संक्रमण की रफ्तार को देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि कुछ ही समय में यह डेल्टा वेरिएंट को पछाड़ देगा। WHO ने कहा कि हमें यह समझ में नही आ रहा है कि आखिर यह इतनी तेजी से फैल कैसे रहा है। WHO ने बताया कि 9 दिसंबर तक 63 देशों में कोरोना के नए संक्रमण ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं। मिले आंकड़ों के अनुसार अंदाजा लगा जा रहा है कि यह कुछ ही समय में यह डेल्टा वेरिएंट को पीछे छोड़ देगा। ओमिक्रॉन संक्रमण से जुड़े प्रारंभिक आंकड़ों को देखा जाए तो ये कोविड के टीके के प्रभाव को कम कर सकता है। इसके साथ ही WHO ने एक राहत देने वाला बयाय भी जारी किया। WHO ने कहा कि हांलाकि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम खतरनाक है।
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