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Hindi News विदेश अन्य देश इस देश में 15 मिनट के भीतर दो बार भूकंप के झटकों से कांपी धरती, जानिए कितनी थी तीव्रता?

इस देश में 15 मिनट के भीतर दो बार भूकंप के झटकों से कांपी धरती, जानिए कितनी थी तीव्रता?

अफगानिस्तान में 15 मिनट के अंतराल पर दो भूकंप के झटके महसूस किए गए। भुकंप से झटकों के महसूस होते ही लोग घर छोड़कर भाग निकले। जानिए कितनी थी तीव्रता?

अफगानिस्तान में भूकंप के झटके- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO अफगानिस्तान में भूकंप के झटके

अफगानिस्तान में शनिवार तड़के 15 मिनट के अंतराल पर 4.2 और 4.5 तीव्रता के दो भूकंप झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों से घबराकर लोग घर छोड़कर भाग निकले। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, पहला भूकंप भारतीय मानक समय (आईएसटी) सुबह 4:20 बजे आया। यह अक्षांश 36.21 N और देशांतर 71.22 E पर दर्ज किया गया। भूकंप 100 किलोमीटर की गहराई पर आया। एक्स पर एक पोस्ट में, एनसीएस ने कहा, “एम का ईक्यू: 4.5, पर: 22/02/2025 04:20:01 IST, अक्षांश: 36.21 एन, लंबाई: 71.22 ई, गहराई: 100 किमी, स्थान: अफगानिस्तान।”

वहीं ठीक पंद्रह मिनट पर दूसरा भूकंप आया। एनसीएस के मुताबिक, भूकंप रिक्टर पैमाने पर 4.2 तीव्रता पर दर्ज किया गया। यह सुबह शनिवार की सुबह 4:33 बजे (आईएसटी) आया और 150 किलोमीटर की गहराई पर 36.44 उत्तर और 70.90 ई अक्षांश पर दर्ज किया गया। एनसीएस ने एक्स पर अपना विवरण भी साझा किया। जिसमें लिखा गया, "एम का ईक्यू: 4.2, दिनांक: 22/02/2025 04:33:34 IST, अक्षांश: 36.44 उत्तर, लंबाई: 70.90 पूर्व, गहराई: 150 किमी, स्थान: अफगानिस्तान।"

मंगलवार को भी आया था भूकंप

इससे पहले मंगलवार तड़के अफगानिस्तान में रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओसीएचए) के अनुसार, अफगानिस्तान मौसमी बाढ़, भूस्खलन और भूकंप सहित प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बना हुआ है। यूएनओसीएचए ने कहा कि अफगानिस्तान में बार-बार आने वाले भूकंप से कमजोर समुदायों को नुकसान होता है, जो पहले से ही दशकों के संघर्ष और अल्प-विकास से जूझ रहे हैं और एक साथ कई झटकों से निपटने के लिए उनकी ताकत अब कम रह गया है।

रेड क्रॉस के अनुसार, अफगानिस्तान में शक्तिशाली भूकंपों का इतिहास रहा है और हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला एक भूगर्भिक रूप से सक्रिय क्षेत्र है जहां हर साल भूकंप आते हैं। अफगानिस्तान भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच कई फ़ॉल्ट लाइनों पर स्थित है, जिनमें से एक फ़ॉल्ट लाइन सीधे हेरात से भी होकर गुजरती है।

(इनपुट-एएनआई)

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