अंकारा। रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले ही दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है और इसी बीच तुर्की ने उत्तरी इराक में कुर्द लड़ाकों के खिलाफ एक नया जमीनी और हवाई अभियान शुरू किया है। तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकर ने सोमवार तड़के ये घोषणा की। मंत्रालय की वेबसाइट पर साझा किए गए वीडियो संदेश में अकर ने कहा कि तुर्की के विमानों और तोपों ने कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) से संबंधित ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए। इससे पहले कमांडो दल हेलीकॉप्टर के जरिए और जमीन से पड़ोसी देश में दाखिल हुए। इस अभियान में ड्रोन का इस्तेमाल भी किया गया।
अकर ने कहा कि विमानों ने पीकेके से संबंधित ठिकानों, बंकरों, गुफाओं, सुरंगों, गोला-बारूद डिपो और मुख्यालयों को ‘‘सफलतापूर्वक’’ निशाना बनाया। समूह उत्तरी इराक में ठिकानों का रखरखाव करता है और तुर्की पर हमलों के लिए इस क्षेत्र का इस्तेमाल करता है। उन्होंने बताया कि तुर्की ने पिछले कई दशकों में पीकेके के खिलाफ कई सीमा पार हवाई और जमीनी अभियान चलाए हैं। ताजा अभियान उत्तरी इराक के मेटिना, जैप और अवासिन-बस्यान क्षेत्रों में उनके ठिकानों को निशाना बनाकर चलाया गया।
अकर ने कहा, ‘‘ हमारा अभियान योजना के तहत सफलतापूर्वक चल रहा है। पहले चरण में तय लक्ष्यों को हासिल कर लिया गया है।’’ अभियान में शामिल सैनिकों और विमानों की संख्या की जानकारी अभी नहीं दी गई है। अकर ने कहा, ‘‘ हम अपने महान राष्ट्र को उस आतंक से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे हमारा देश 40 साल तक त्रस्त रहा है। अंतिम आतंकवादी का खात्मा होने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।’’ रक्षा मंत्रालय ने बाद में बताया कि विद्रोहियों के एक बार फिर से संगठित होने और ‘‘बड़े पैमाने पर हमले’’ की तैयारी करने की पुष्टि के बाद ‘ऑपरेशन क्लॉ लॉक’ शुरू किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि तुर्की के ‘‘दोस्तों और सहयोगियों’’ के साथ मिलकर यह अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने पिछले सप्ताह इराक के स्वायत्त कुर्द क्षेत्र के प्रधानमंत्री मसरौर बरज़ानी के साथ मुलाकात की थी, जो उन क्षेत्रों को नियंत्रित करते हैं जिन पर हमला किया गया। तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकर ने कहा कि इस अभियान के तहत ‘‘आतंकवादियों’’ को निशाना बनाया जा रहा है और नागरिकों, सांस्कृतिक एवं धार्मिक ढांचों को नुकसान ना पहुंचे इसके लिए ‘‘अधिकतम संवेदनशीलता’’ बरती जा रही है।
हालांकि कुर्द लड़ाकों की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। पीकेके के 1984 में तुर्की के बहुसंख्यक कुर्द दक्षिणपूर्व क्षेत्र में विद्रोह शुरू करने के बाद से लाखों लोगों की मौत हुई है। अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इसे एक आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है।
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