पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए इंसाफ (पीटीआई) के लिए मंगलवार का दिन बेहद मंगल साबित हुआ है। हत्या के मामले में कोर्ट में पेश हुए इमरान खान को पहले कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी। इसके बाद शाम तक पीटीआई के लिए एक और खुशखबरी सामने आई, जब कोर्ट ने इमरान के करीबी और उनकी सरकार में पूर्व विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी को जेल से रिहा कर दिया। अदालत के आदेश के बाद कुरैशी को अदालत मंगलवार को रावलपिंडी जेल से रिहा कर दिया गया।
कुरैशी 9 मई के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार किए गए इमरान खान की पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं में शामिल थे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उपाध्यक्ष को गत महीने नौ मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में पार्टी अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसा भड़काने सहित कई आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। कुरैशी ने इमरान खान के शासन में 2018 से 2022 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ ने मंगलवार को कुरैशी की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि पीटीआई नेता को तत्काल रिहा किया जाए।
जियो टीवी के अनुसार, अडियाला जेल से रिहा होने पर कुरैशी ने कहा कि वह बुधवार को पीटीआई प्रमुख खान से लाहौर में जमान पार्क स्थित उनके आवास पर मुलाकात करेंगे और देश में मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल पर चर्चा करेंगे। रिहाई के बाद स्थानीय मीडिया ने उनके हवाले से कहा, ‘‘मैं पीटीआई कार्यकर्ताओं को बताना चाहता हूं कि 'न्याय का झंडा' मेरे हाथ में है और मैं अभी भी इस आंदोलन का हिस्सा हूं। पीटीआई समर्थकों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री ने कहा, "यह एक कठिन समय है, लेकिन उम्मीद मत खोइए क्योंकि हर रात के बाद एक सवेरा होता है।" डॉन अखबार ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि विभिन्न जेलों में अनगिनत निर्दोष लोग हैं जिन्हें रिहा किया जाना चाहिए।
कुरैशी ने कहा-काफी निर्दोष लोगों को जेल में रखा गया है
कुरैशी ने कहा कि जेल में काफी संख्या में निर्दोष लोगों को भी रखा गया है। मैं कोशिश करूंगा, और हम अपनी कानूनी टीम से परामर्श के बाद उनके मामलों को आगे बढ़ाएंगे।" गत 18 मई को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पूर्व विदेश मंत्री की रिहाई का आदेश दिया था। हालांकि, "अनियंत्रित" विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने से बचने संबंधी हलफनामा देने के बारे में उनकी अनिच्छा के कारण रिहाई में देरी हुई। नौ मई को इस्लामाबाद में अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे थे। उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाहौर कोर कमांडर हाउस, मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन सहित 20 से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों और सरकारी भवनों में तोड़फोड़ की थी। खान को बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
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