India France Defense Deal:भारत और फ्रांस के बीच लंबे समय से रक्षा साझेदारी होती रही है। इससे दोनों देशों के संबंध भी प्रगाढ़ है। अब तेजी से बदलते वैश्विक परिवेश में दोनों देशों ने कुछ नया करने का वीणा उठाया है। भारत और फ्रांस की जोड़ी अब रक्षा के क्षेत्र में नई इबारत लिखने को बेताब है। इससे आने वाले समय में भारत की सैन्य क्षमता तो बढ़ेगी ही। साथ ही साथ दुनिया के रक्षा मामलों में भारत का दबदबा भी और बढ़ेगा। फ्रांस खुद भारत का प्रमुख रक्षा साझीदार बनने का बड़ा इच्छुक है।
फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा है कि उनका देश भारत के रक्षा उत्पादन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उसका भारत का सर्वश्रेष्ठ भागीदार’’ बनना चाहता है और उसने दोनों पक्षों के बीच बढ़ते ‘‘विश्वास’’ के अनुरूप सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी और उपकरणों को साझा करने का निर्णय लिया है। विशिष्ट विवरण का खुलासा किए बिना, राजदूत ने कहा कि फ्रांसीसी और भारतीय कंपनियां ‘‘भविष्य के उपकरण और मंचों’’ के संदर्भ में मिलकर काम कर रही हैं।
फ्रांस ने दिया है भारत को राफेल लड़ाकू विमान
फ्रांस के राजदूत ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई भी देश भारत को समान स्तर की प्रौद्योगिकी प्रदान करता है। इसमें (भागीदारी) प्रगति इसलिए भी है क्योंकि हम मानते हैं कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को बढ़ावा देना चाहता है, अपना औद्योगिक आधार बनाना चाहता है और इस कदम में हम भारत का सबसे अच्छा भागीदार बनना चाहते हैं।’’ भारत-फ्रांस के बीच सितंबर 2016 में लगभग 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए हुए एक अंतर-सरकारी समझौते के बाद दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध और मजबूत हुए हैं।
दोनों देशों के बीच और बढ़ेगी उपकरणों की साझेदारी
भारत में फ्रांस के राजदूत ने कहा, ‘‘रक्षा क्षेत्र हमेशा हमारे सहयोग का एक बेहद मजबूत हिस्सा रहा है, क्योंकि दोनों देशों के बीच गहरा विश्वास है। जब आप इन मुद्दों पर काम करना चाहते हैं, तो आपको विश्वास की आवश्यकता होती है, क्योंकि आप 10, 20, 30 वर्षों की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह विश्वास हमारे पास सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है। रक्षा सहयोग के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हो रही है क्योंकि हम भारत के साथ बहुत सहज हैं और हमने फैसला किया है कि हम अपनी सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक उपकरण साझा कर सकते हैं।
भारत की आत्मनिर्भर नीति से जुड़ेगा फ्रांस
दोनों देश मौजूदा यूक्रेन संकट और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रम के कारण उभरे वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य के मद्देनजर रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं। राजदूत ने कहा, ‘‘ शुरुआती दौर से ही हम ‘मेक इन इंडिया’ नीति में सर्वश्रेष्ठ भागीदार रहे हैं। अब भारत ‘आत्मनिर्भर’ नीति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसके लिए भी हम भारत के साथ खड़े हैं।’’ उन्होंने कहा कि फ्रांस भारत के साथ उपकरण विकसित करने और प्रौद्योगिकी की जानकारी साझा करने के लिए तैयार है। भारतीय वायुसेना की ओर से अतिरिक्त राफेल खरीदने की संभावना से जुड़े सवाल पर लेनैन ने प्रतिक्रिया नहीं दी।
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