इस्लामाबाद: आतंकियों का पालनहार पाकिस्तान अब खुद आतंकवाद से त्रस्त हो गया है। जिन आतंकवादियों को पाकिस्तान ने पाला-पोषा अब वही उसके लिए आस्तीन का सांप बन गए हैं। लिहाजा इनसे निपटने के लिए पाकिस्तान ने अपने दोस्त चीन से मदद मांगी है। इसके बाद दोनों देशों ने आतंकवाद से संयुक्त रूप से निपटने का प्लान बनाया है। पाकिस्तान और चीन के सैन्य अधिकारियों ने चीनी नागरिकों पर हुए हालिया हमलों के बाद आतंकवाद से निपटने और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर वार्ता की।
एक सैन्य बयान के अनुसार, चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के उपाध्यक्ष और चीन के दो शीर्ष सैन्य अधिकारियों में से एक जनरल झांग यूक्सिया एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पाकिस्तान के दौरे पर हैं। जनरल झांग ने बुधवार को सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ आमने-सामने बैठक की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। बयान के अनुसार, बातचीत “पारस्परिक हित से जुड़े मामलों, क्षेत्रीय सुरक्षा गतिशीलता, क्षेत्रीय स्थिरता के उपायों और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने” पर केंद्रित रही। जनरल झांग ने पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी प्रयासों के बारे में बात की। पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर हमले बढ़ने के कारण आतंकवाद दोनों देशों के बीच चर्चा का एक प्रमुख विषय बना हुआ है।
चीन का नहीं पाकिस्तान पर भरोसा
समाचार पत्र ‘डॉन’ के अनुसार, कहा जा रहा है कि बीजिंग को अब अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान पर भरोसा नहीं हो पा रहा है। लिहाजा अब चीन पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अधिक सक्रिय भूमिका चाहता है, लेकिन मंत्रालय का कहना है कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद रोधी सहयोग एक-दूसरे की संप्रभुता के प्रति आपसी सम्मान पर आधारित है। डॉन की खबर के अनुसार, दोनों पक्षों ने क्षेत्र में भारत की भूमिका और अफगानिस्तान के घटनाक्रम, विशेष रूप से आतंकवादी समूहों की उपस्थिति के बारे में चर्चा की। (भाषा)
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