सूडानी सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है। दोनों पक्षों ने यह समझौता संघर्ष में सूडानी नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए सऊदी बंदरगाह शहर जेद्दा में किया है। इसके तहत एक समझौते पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए हैं। युद्धरत दलों ने जोर देकर कहा कि सूडानी लोगों के हित एक प्राथमिकता हैं। वे सभी नागरिकों को घिरे क्षेत्रों को छोड़ने की अनुमति देने पर सहमत हुए। ताकि सूडानी नागरिकों को इसमें अपनी जान नहीं गवांना पड़े।
समझौते ने सूडान की संप्रभुता और एकता की पुष्टि की और अन्य देशों के मध्यस्थता प्रयासों का स्वागत किया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अल अरबिया की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि इसने नागरिकों को नुकसान पहुंचाने वाले सभी हमलों को रोकने का भी आह्वान किया। संघर्षग्रस्त देश को आपातकालीन मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए संघर्ष विराम पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों ने शनिवार को जेद्दा में बातचीत शुरू की। सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि गुरुवार को, सऊदी अरब ने अपना चौथा राहत विमान पोर्ट सूडान भेजा, इसमें 10 टन से अधिक खाद्य और चिकित्सा व अन्य राहत सामग्री थी।
15 अप्रैल से चल रहा था संघर्ष
सूडान में 15 अप्रैल से राजधानी शहर खार्तूम और अन्य क्षेत्रों में सूडानी सेना और आरएसएफ के बीच सशस्त्र संघर्ष चल रहा है। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाया है। मई की शुरुआत में सूडानी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक संघर्षों में कम से कम 550 लोग मारे गए हैं और 4,926 अन्य घायल हुए हैं। इस दौरान विभिन्न देशों के नागरिक सूडान में हो रहे संघर्ष के दौरान फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू किया गया। भारत ने भी अपने 3500 से अधिक नागरिकों को सूडान से रेस्क्यू कराया था।
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