कोई सिर्फ एक पैर तो कोई बिना हाथ के दौड़ा आ रहा अस्पताल, गाजा में बिना एनेस्थीसिया फर्श पर सर्जरी
गाजा के अस्पताल पर हमले के बाद लाशों का अंबार बिछा है। अब मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड और जगह नहीं बची। लिहाजा फर्श पर ही लेटाकर बिना एनेस्थीसिया दिए मरीजों की सर्जरी करनी पड़ रही है। एनेस्थीसिया देने की दवा भी अब खत्म हो चुकी है। लिहाजा मरीजों की बाकी बची जिंदगी को भी दर्द ने नर्क बना दिया है।
गाजा में अब न अस्पताल बचे और न ही इलाज करने वाले ज्यादातर डॉक्टर। जो अस्पताल और डॉक्टर बचे भी हैं, वहां मरीजों की संख्या इतनी अधिक हो गई है कि उन्हें इलाज दे पाना बेहद मुश्किल हो गया है। गाजा के अस्पतालों में मरीज अब फर्श पर पड़े घायल पड़े हैं। मरीजों को लाने के लिए एंबुलेंस भी पर्याप्त नहीं है। लिहाजा काफी मरीज तो एक पैर और हाथ गंवाने के बाद भी भागे अस्पताल चले आ रहे हैं। यहां उन्हें फर्श पर लेटाकर मजबूरी में बिना एनेस्थीसिया के ही इलाज दिया जा रहा है। बिना एनेस्थीसिया दिए फर्श पर लेटे हुए मरीजों का वहीं पर ऑपरेशन कर दिया जा रहा है। क्योंकि ऑपरेशन थिएटर में मरीजों की लिए अब जगह नहीं बची है। त्रासदी की यह दास्तां किसी के भी दिल-दिमाग को हिला देने वाली है।
गाजा शहर में अल-अहली अस्पताल पर हुए हमले में घायल लोगों का इलाज करने में चिकित्सक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। चिकित्सा सामग्री की कमी के चलते उन्हें बेहोश करने की दवा ‘एनेस्थीसिया’ के बिना अस्पताल के फर्श पर घायलों की सर्जरी करनी पड़ रही है। इजराइल की तरफ से हो रही बमबारी और क्षेत्र की नाकाबंदी के बीच हुए इस हमले में अस्पताल के करीब शरण लिए हुए कई लोगों की मौत हो गई है। चरमपंथी समूह हमास ने अस्पताल पर हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार बताया है, जबकि इजराइली सेना का कहा है कि फलस्तीनी चरमपंथियों की ओर से दागा गया एक रॉकेट निशाना चूक गया, जिसकी वजह से यह घटना हुई।
अस्पताल के ऑपरेशन कक्ष भी हुआ तबाह
हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार हमले में कम से कम 500 लोगों की मौत हुई है। अल-अलही अस्पताल में काम करने वाले प्लास्टिक सर्जन ग़ासन अबू सित्ता ने कहा कि उन्होंने एक जोरदार विस्फोट की आवाज सुनी और उनके ऑपरेशन कक्ष की छत गिर गई। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, “घायल लड़खड़ाते हुए हमारी ओर आने लगे।” ग़ासन ने कहा कि उन्होंने सैकड़ों मृत और गंभीर रूप से घायल लोगों को देखा। उन्होंने कहा, “मैंने एक आदमी की जांघ पर पट्टी बांधी, जिसका पैर अलग हो गया था और फिर एक व्यक्ति की देखभाल करने गया, जिसकी गर्दन में गहरी चोट लगी थी।” ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने एक वीडियो की पुष्टि की है, जिसमें अस्पताल के मैदान में शवों के टुकड़े बिखरे हुए दिख रहे हैं।
काफी संख्या में छोटे बच्चों ने गवां दी जान
ु्ु्प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मृतकों में कई छोटे बच्चे थे। हमले के बाद से इमारत में आग लगी हुई है। वीडियो में देखा जा सकता है कि अस्पताल के बाहर कंबल, स्कूल बैग और अन्य सामान बिखरा हुआ है। बुधवार की सुबह विस्फोट स्थल पर जली हुई कारें बिखरी पड़ी थीं और जमीन पर मलबे का अंबार लगा था। एम्बुलेंस और निजी कारों के जरिए लगभग 350 हताहतों को गाजा शहर के मुख्य अस्पताल अल-शिफा पहुंचाया गया, जो पहले से ही अन्य हमलों में घायल हुए लोगों से भरा हुआ है। अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सेल्मिया ने यह जानकारी दी।
बिना एनेस्थीसिया फर्श पर सर्जरी
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने कहा कि पीड़ितों को गंभीर चोटें लगीं। कुछ के सिर फटे हुए थे जबकि कुछ के अंग कटे हुए या गायब थे। डॉक्टरों ने अस्पताल में फर्श पर और हॉल में सर्जरी कीं। ज्यादातर सर्जरी एनेस्थीसिया के बगैर की गईं। अबू सेल्मिया ने कहा, “हमें उपकरण, दवा, बिस्तर, एनेस्थीसिया और अन्य चीजों की जरूरत है।” उन्होंने आगाह किया कि अस्पताल के जनरेटर का ईंधन कुछ घटों में खत्म हो जाएगा, जिसके बाद अस्पताल में कामकाज ठप्प पड़ जाएगा। (एपी)
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