Shinzo Abe Assassination: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की जुलाई में हत्या से पूरा देश दुखी था क्योंकि देश में इस तरह की राजनीतिक हिंसा का मामला असामान्य बात थी। लेकिन बाद के दिनों में आबे के कथित हत्यारे तेत्सुया यामागामी के संबंध में जो जानकारी सामने आयी, उससे लोग हैरान हैं। यामागामी के बारे में कहा गया है कि वह एक संपन्न परिवार से आता था लेकिन उसकी मां ने विवादास्पद यूनिफिकेशन चर्च को भारी दान दिया जिससे परिवार को आर्थिक बदहाली का सामना करना पड़ा।
लोगों ने आरोपी यामागामी के लिए की नरमी की मांग
तेत्सुया यामागामी अपनी मां के इस रवैये से काफी नाराज रहने लगा था। कुछ जापानियों ने 41 साल के यामागामी से सहानुभूति भी जताई है। ऐसे लोगों में यामागामी की उम्र के लोगों की खासी संख्या है जो तीन दशकों की आर्थिक और सामाजिक उथल-पुथल के दौरान अपनी पीड़ा उससे जोड़ते हैं। सोशल मीडिया पर सुझाव दिए जा रहे हैं कि यामागामी के हिरासत केंद्र को पैकेज दिया जाना चाहिए जिससे संदिग्ध हमलावर को खुशी महसूस हो सके। करीब 7,000 लोगों ने यामागामी के लिए अभियोजन पक्ष से नरमी का अनुरोध करते हुए एक याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।
शिंजो आबे की हत्या का बताया कारण
यामागामी ने पुलिस को बताया कि उसने जापान के सबसे प्रभावशाली राजनेताओं में से एक, आबे की जान इसलिए ले ली क्योंकि वह एक धार्मिक समूह से जुड़े थे। समझा जाता है कि इस धार्मिक समूह का तात्पर्य यूनिफिकेशन चर्च से है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले से चर्च के अनुयायियों के हजारों अन्य बच्चों की दुर्दशा भी सामने आई है, जिन्हें दुर्व्यवहार और उपेक्षा का सामना करना पड़ा है। यामागामी को मानसिक जांच के लिए नवंबर तक हिरासत में रखा गया है। यामागामी ने सोशल मीडिया पर भी यूनिफिकेशन चर्च के प्रति अपनी घृणा व्यक्त की थी, जिसकी स्थापना 1954 में दक्षिण कोरिया में की गई थी। 1980 के दशक के बाद से उस पर कई आरोप लगे हैं।
कंपनी बेचकर चर्च को दिया करोड़ों येन का दान
यामागामी के अनुसार उसकी मां ने चर्च को भारी दान दिया जिसके कारण परिवार काफी प्रभावित हुआ। उसने अपने एक पत्र में लिखा था, "मेरी मां के चर्च से जुड़ने के बाद (1990 के दशक में), मेरी पूरी किशोरावस्था बर्बाद हो गई, लगभग 10 करोड़ येन (7,35,000 अमेरिकी डॉलर) बर्बाद हो गए। यामागामी के चाचा ने मीडिया से कहा था कि चर्च से जुड़ने के बाद यामागामी की मां ने कुछ महीनों के अंदर ही छह करोड़ येन का दान दिया। जब 1990 के दशक में यामागामी के पिता की मृत्यु हुई, तो उसकी मां ने पारिवारिक कंपनी की चार करोड़ येन की संपत्ति बेच दी जिससे 2002 में परिवार दिवालिया हो गया।
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