हाई अलर्ट: सऊदी अरब को खुद पर "हमला" होने का डर, अमेरिका को दी खुफिया जानकारी, दुनिया के इस देश का लिया नाम
Saudi Arabia and Iran: सऊदी अरब का कहना है कि उसपर ईरान हमला कर सकता है। इस मामले में उसने अमेरिका को एक खुफिया रिपोर्ट सौंपी है। जिसके बाद अमेरिका ने कहा कि वह क्षेत्र में अपने हितों और भागीदारों की रक्षा करेगा।
Saudi Arabia vs Iran: इस वक्त दुनियाभर में रूस यूक्रेन युद्ध की चर्चा जोरों पर है। इस बीच सऊदी अरब ने आशंका जताई है कि उस पर हमला हो सकता है। उसने इसकी जानकारी अमेरिका को दी है। सऊदी अरब ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ खुफिया जानकारी साझा करते हुए कहा है कि ईरान संभवत: उस पर हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिका के तीन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सऊदी अरब पर संभावित हमले को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने व्यापक प्रदर्शनों को दबाने के लिए ईरानी बल की कार्रवाई की आलोचना की और यूक्रेन युद्ध में उपयोग के लिए रूस को सैकड़ों ड्रोन भेजने के उसके कदम की भी निंदा की।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक बयान में कहा, ‘हम आसन्न हमलों को लेकर चिंतित हैं और हम सऊदी के साथ सैन्य और खुफिया माध्यमों से लगातार संपर्क में हैं।’ बयान के अनुसार, ‘हम क्षेत्र में अपने हितों और भागीदारों की रक्षा करने से नहीं हिचकिचाएंगे।’ इस मामले पर सऊदी अरब या संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने कोई टिप्पणी नहीं की है। खुफिया जानकारी साझा करने की पुष्टि करने वाले अधिकारियों में से एक ने बताया कि ‘जल्द ही या 48 घंटों के भीतर’ हमले का एक विश्वसनीय खतरा बना हुआ है।
अमेरिका ने रिपोर्ट पर जताई चिंता
सऊदी द्वारा साझा की गई खुफिया रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने कहा कि अमेरिकी सैन्य अधिकारी ‘क्षेत्र में खतरे की स्थिति को लेकर चिंतित हैं।’ राइडर ने कहा, ‘हम अपने सऊदी भागीदारों के साथ नियमित रूप से संपर्क में हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैंने पहले भी कहा था और मैं फिर कहना चाहूंगा कि हम अपने रक्षा और बचाव के अधिकार को कायम रखेंगे चाहे हमारी सेना कहीं भी सेवा दे रही हो, चाहे वह इराक में हो या कहीं और।' अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि अमेरिका ‘खतरे की आशंकाओं को लेकर चिंतित है।’
अमेरिका और सऊदी अरब का रिश्ता
इन सबके बीच अगर हम वर्तमान हालात की बात करें, तो सऊदी अरब और अमेरिका के रिश्ते अपने निम्नतम स्तर पर चल रहे हैं। सऊदी अरब ने तेल उत्पादन बढ़ाने के अमेरिका के अनुरोध को नहीं माना और इसके बजाय उसके नेतृत्व वाले तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक प्लस ने तेल उत्पादन में कटौती कर दी है। जिससे अमेरिका नाराज है। उसने यहां तक कह दिया है कि वह सऊदी अरब के खिलाफ कार्रवाई करेगा। सऊदी अमेरिका से इसलिए खफा है क्योंकि जो बाइडेन ने राष्ट्रपति बनते ही उसे यमन में मिलने वाला अमेरिका का समर्थन वापस ले लिया था। साथ ही बाइडेन ने अपने चुनावी अभियान में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए थे और उन्हें पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का दोषी बताया था।