मशहूर लेखक और उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर बीते दिनों अमेरिका में जानलेवा हमला हुआ था। इस हमले में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई। रुश्दी ने इस मामले पर कहा था कि वे भाग्यशाली हैं जो बच गएं। उन्होंने कहा कि मैं भाग्यशाली था, मैं कृतज्ञ हूं। मुझे अब ठीक लग रहा है। लेकिन मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि मैं इतना बुरा भी नहीं हूं। उन्होंने द न्यूयॉर्कर के पत्रकार से बातचीत में बताया कि आंखों की रोशनी चली जाने के कारण उन्हें अब टाइपिंग करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लिखने में भी अब काफी परेशानी हो रही है।
बता दें कि सलमान रुश्दी पर यह हमला पिछले साल अगस्त महीने में हुआ था जब वे न्यूयॉर्क राज्य में एक कार्यक्रम में मंच पर थे। इस दौरान उनपर हमला हुआ जिसमें उनके एक आंख की रोशनी चली गई। इस घटना के बाद उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा। हमले में उन्हें काफी चोट आई थी, जिसके बड़े घाव भर गएं। रुश्दी ने कहा कि फिजियोथिरेपी के बाद अंगूठे, तर्जनी और हथेली के निचले आधे हिस्से ने काम करना शुरू कर दिया है। मुजे बताया गया है कि अब मैं ठीक हूं। रुश्दी ने कहा कि उनकी कुछ उंगलियों में महसूस करने की कमी के कारण टाइप करने व लिखने में दिक्कत हो रही है।
रुश्दी ने कहा कि यह एक बड़ा हमला था। मैं खुद से चल सकता हूं और ठीक हूं। मैं जब कहता हूं कि मैं ठीक हूं इसका मतलब है कि मेरे शरीर के कुछ हिस्सों में लगातार जांच की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमले से उन्हें मानसिक चोटें बी आई हैं और उन्हें सुरक्षा के प्रति अपने दृष्टिकोण पर फिर से विचार करना पड़ रहा है। बता दें कि सलमान रुश्दी अपने लेखनी के कारण विवादों में बने रहते हैं। पिछले दो दशक से वे बिना किसी सुरक्षा के अपना जीवन जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब मैं लिखने बैठता हूं तब मैं लिख नहीं पाता। कभी कभी खालीपन सा लगता है। मैं जो लिखता हूं, उसे अगले दिन मिटा देता हूं। मैं हकीकत में अबतक उस हमले से उबर नहीं पाया हूं।
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