S. Jaishankar visit Saudi Arabia: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का मजबूत दावेदार है। साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को न केवल अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा कायम रखने के अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बल्कि प्रासंगिक बने रहने के लिए भी बदलती वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल होना चाहिए। जयशंकर विदेश मंत्री के तौर पर सऊदी अरब की अपनी पहली यात्रा पर हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत काफी समय से सुरक्षा परिषद में सुधार के प्रयासों में सबसे आगे रहा है और परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद वर्तमान स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती।
'सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर व्यापक वैश्विक सहमति है'
जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता पर व्यापक वैश्विक सहमति है, खासकर इसलिए क्योंकि यह निकाय दुनिया की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता। उन्होंने कहा कि- ''सुरक्षा परिषद का विस्तार न केवल भारत बल्कि अन्य गैर-प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों के भी पक्ष में है। उन्होंने ‘सऊदी गजट’ समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा, “भारत सबसे बड़े लोकतंत्र, पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, परमाणु शक्ति संपन्न, प्रौद्योगिकी केंद्र और वैश्विक संपर्क की परंपरा वाले देश के रूप में सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का मजबूत दावेदार है। परिषद को न केवल अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, बल्कि प्रासंगिक बने रहने के लिए भी बदलती वैश्विक परिस्थितियों के अनुकूल होना चाहिए।”
सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की
जयशंकर दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए शनिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब पहुंचे। विदेश मंत्री के रूप में यह सऊदी अरब की उनकी पहली यात्रा है। उन्होंने रविवार को सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से एक लिखित संदेश उन्हें सौंपा। साथ ही उन्होंने युवराज को द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति से अवगत कराया।
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