यूक्रेन से युद्ध के बीच पहली बार इन दो बड़े मुस्लिम देशों की यात्रा पर गए रूसी राष्ट्रपति पुतिन, टेंशन में यूरोप
रूस ओपेक प्लस का हिस्सा है, जो तेल उत्पादक सदस्यों और अन्य देशों का एक समूह है। समूह ने कच्चे तेल की कीमतों को बढ़ाने की कोशिश के तहत उत्पादन का प्रबंधन किया है। पिछले सप्ताह समूह ने अगले वर्ष के लिए कुछ उत्पादन कटौती का विस्तार किया और उभरते हुए तेल आपूर्तिकर्ता ब्राजील को इसमें शामिल कर लिया।
यूक्रेन से युद्ध के करीब 22 महीने बीत जाने के बाद पहली बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन दो बड़े मुस्लिम देशों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। उनकी यह यात्रा नाटो चीफ जेंस स्टोल्टेनबर्ग के उस दावे के ठीक बाद हो रही है, जब उन्होंने नाटो देशों को यूक्रेन से बुरी खबर आने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन पर युद्ध के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद आज बुधवार को सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दोनों की यात्रा के लिए रवाना हुए। पहले वह संयुक्त अरब अमीरात गए और उसके बाद सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए हैं। दुबई संयुक्त राष्ट्र की सीओपी28 जलवायु वार्ता की मेजबानी कर रहा है।
सऊदी अरब और यूएई दोनों ने ही आईसीसी की संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसका अर्थ यह है कि युद्ध के दौरान यूक्रेन से बच्चों के अपहरण के लिए पुतिन को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराने संबंधी वारंट पर पुतिन को हिरासत में लेने का उन पर कोई दायित्व नहीं होगा। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब सशस्त्र संयुक्त राष्ट्र पुलिस दुबई के एक्सपो सिटी के एक हिस्से में गश्त कर रही है, जिसे अब वार्ता के लिए अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र माना जाता है। यह यात्रा एक बार फिर रूस के साथ अमीरात के व्यापक व्यापारिक संबंधों को उजागर करती है। दूसरी ओर यूक्रेन ने पुतिन की देश की यात्रा को लेकर आक्रोश जाहिर किया है और पुतिन को उनके देश में पर्यावरणीय अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे पुतिन
सीओपी28 में यूक्रेन के मंडप की एक कार्यकर्ता मार्हार्यता बोहदानोवा ने अपने आंसू पोंछते हुए कहा, ‘‘यह देखना बेहद परेशान करने वाला है कि दुनिया युद्ध अपराधियों के साथ कैसा व्यवहार करती है, क्योंकि मेरी राय में वह ऐसे ही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कैसे लोग बड़े आयोजनों में उन्हें (पुतिन को) पसंद करते हैं। उसके साथ एक प्रिय अतिथि की तरह व्यवहार करना, मेरी राय में बहुत ही पाखंड से भरा है।’’ रूस के मंडप के अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) से बात करने से इनकार कर दिया। पुतिन की यात्रा के बारे में सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ द्वारा बुधवार सुबह प्रकाशित एक खबर में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया कि पुतिन सीओपी28 स्थल पर आ सकते हैं या नहीं। रूसी राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव के हवाले से कहा गया है कि पुतिन वहां पहुंचेंगे और ‘‘महल में बैठक’’ करेंगे तथा अमीरात के नेता शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ आमने-सामने की बातचीत करेंगे।
अमेरिकी और यूरोपीय नेताओं के कार्यक्रम के बाद जा रहे पुतिन
यह यात्रा सीओपी28 में अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन का समर्थन करने वाले अन्य लोगों सहित पश्चिमी नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद हो रही है। सीओपी सम्मेलन का जिम्मा संभालने वाले जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के ‘फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ के प्रवक्ता एलेक्जेंडर सैयर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें ‘‘इस बात की जानकारी नहीं है कि पुतिन सम्मेलन में आएंगे, लेकिन मुझे विदेश मंत्रालय के साथ ही मेजबान देश के साथ तालमेल करने की भी आवश्यकता होगी।’’ उन्होंने तुरंत यह जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या संयुक्त राष्ट्र पुलिस गिरफ्तारी करने के लिए बाध्य होगी। सीओपी28 के लिए अमीराती संगठन समिति ने यूएई के विदेश मंत्रालय को प्रश्न भेजे, जिन्होंने तुरंत जवाब नहीं दिया।
ईरान के राष्ट्रपति से भी मिलेंगे पुतिन
यूएई ने अपदस्थ सूडानी नेता उमर अल-बशीर को दारफुर में नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी की मांग करने वाले आईसीसी वारंट के बावजूद अब तक बार-बार सम्मानित किया है। पुतिन ने आखिरी बार 2019 में संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था, तब अबू धाबी के राजकुमार शेख मोहम्मद ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था। पुतिन बृहस्पतिवार को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी से मुलाकात करने वाले हैं, उशाकोव ने इसके ‘‘काफी लंबे समय तक चलने वाली बातचीत’’ होने का अनुमान जताया है। दोनों देश उन पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों से निपटने के तरीकों पर चर्चा करने वाले हैं। उशाकोव ने कहा कि पुतिन सऊदी अरब जाएंगे और एक दिवसीय यात्रा पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात करेंगे। वे चर्चाएं संभवतः पश्चिम एशिया में मॉस्को की अन्य प्रमुख चिंता तेल पर केंद्रित होंगी। (एपी)
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