Russia-Ukraine War: रूस ने इस वर्ष 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया और हमले के पहले ही दिन रूसी सेना ने स्नेक आइलैंड पर कब्जा कर लिया। यह काला सागर में छोटा किंतु रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान था। उक्त स्थान पर यूक्रेन के 13 सैनिक तैनात थे और उन्होंने कथित तौर पर ‘‘रूसी आक्रमणकारियों के हमले को दो बार बहादुरी से नाकाम किया’’, लेकिन वे ज्यादा समय तक रूसी सेना से लोहा नहीं ले सके क्योंकि उनका गोला बारूद समाप्त हो गया था। युद्ध की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं जिनमें यूक्रेनी सैनिक रूसी युद्धपोत की तरफ इशारा करते दिखाई दे रहे थे। इसके अलावा एक ऑडियो भी सामने आया था जिसमें यूक्रेनी सैनिक रूसी सैनिकों पर चिल्लाते हुए सुने जा सकते थे। उस वक्त माना गया था कि सीमा की सुरक्षा करते हुए यूक्रेन के सैनिक मारे गए हैं और उन्हें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मरणोपरांत सम्मानित भी किया था लेकिन फिर खबर आई की ये सारे सैनिक जिंदा हैं। लगातार जारी युद्ध के बीच जब 30 जून को खबर आई कि यूक्रेन ने स्नेक आइलैंड पर पुन: कब्जा कर लिया है, तो इससे देश के लोगों का मनोबल बढ़ा।
युद्ध में इस आइलैंड की क्या थी भूमिका
जमीन पर युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा लेकिन सागर में इस विजय के रणनीतिक मायने काफी अधिक हैं जो आने वाले महीनों अथवा वर्षों में दिखाई देंगे। आक्रमण की शुरुआत में ही स्नेक आइलैंड पर कब्जा मिल जाने से रूस ऐसी स्थिति में आ गया था जहां से वह उत्तर पश्चिमी काला सागर पर नियंत्रण कर सकता था। रूस के लिए यह तीन कारणों से अभियानगत एवं रणनीतिक महत्व वाला था। इसका मतलब था कि रूसी नौसेना क्रूज मिसाइलों के जरिए यूक्रेन पर बमबारी कर सकती थी। इसी के साथ आक्रमणकारियों को ओडेसा को भी भयभीत करने की शक्ति हासिल हो गई। उन्होंने ओडेसा पर न केवल हमले किए बल्कि यूक्रेन के बंदगाहों तक उनकी पहुंच को भी रोक दिया। दूसरे शब्दों में कहें तो यूक्रेन की घेराबंदी कर दी।
दोबारा यूक्रेन ने स्नेक आइलैंड पर कब्जा किया
यूक्रेन ने जमीन पर चल रहे युद्ध का बहादुरी से सामना किया लेकिन उसका मुख्य लक्ष्य रूसी नौसेना के वर्चस्व को समाप्त करने का रहा। इस दिशा में कीव को पहली कामयाबी 14 अप्रैल को मोस्कवा पोत को डुबाकर मिली। मोस्कवा रूस की लंबी दूरी वाली हवाई रक्षा प्रणाली का एक अहम हिस्सा था। इसके नुकसान से स्नेक आइलैंड का इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और हवाई रक्षा प्रणाली के केन्द्र के रूप में महत्व बढ़ गया। यूक्रेन ने इस द्वीप पर दोबारा कब्जा करने की कई बार कोशिश की। अब यूक्रेन का झंडा स्नेक आइलैंड पर लहरा रहा है, और यह इस बात का संकेत है कि रूसी बल अपनी रणनीतिक स्थिति का फायदा नहीं उठा सका।
सेना से राजनयिक रंगभूमि तक रूस का उत्तर पश्चिमी काला सागर से नियंत्रण समाप्त हो जाने की पुष्टि 21 जून को ब्रिटिश खुफिया विभाग ने कर दी थी। लेकिन यूक्रेन द्वारा स्नेक आइलैंड पर दोबारा कब्जा किए जाने तक रूस को उम्मीद थी कि वह यूक्रेन की घेराबंदी जारी रखने में सक्षम है। रूस ने यूक्रेन की घेराबंदी को ब्लैकमेल करने के हथियार के तौर पर खूब इस्तेमाल किया लेकिन यह सोचने की बात है कि रूस ने कैसे यह घोषणा की कि वह यूक्रेन के बंदरगाहों से अनाज को लाने-ले जाने को मंजूरी दे रहा है। इस झटके के बाद रूस अब वैश्विक खाद्य संकट के लिए यूक्रेन और पश्चिम को जिम्मेदार ठहराने के अपने रुख को जारी रखेगा।
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