Russia Ukraine War News: यूक्रेन के कुछ हिस्सों के रूस में विलय के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में मतदान के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि रूस अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की नींव को तोड़ रहा है। बाइडन ने कहा, ‘‘आज, बड़े और छोटे हर क्षेत्र के राष्ट्र, विभिन्न विचारधाराओं और सरकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले दुनिया के अधिकांश देशों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का बचाव करने के पक्ष में मतदान किया और यूक्रेन के क्षेत्र को रूसी सेना द्वारा जबरन अपने साथ मिलाने के उसके अवैध प्रयास की निंदा की।’’
केवल चार देशों ने रूस के पक्ष में किया मतदान
उन्होंने कहा कि 143 राष्ट्र स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के पक्ष में थे। मार्च में 141 से ज्यादा देशों ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध की स्पष्ट रूप से निंदा करने के लिए मतदान किया था। बाइडन ने कहा कि केवल चार देशों - बेलारूस, उत्तर कोरिया, निकारागुआ और सीरिया ने रूस को चुना।
रूस एक संप्रभु राष्ट्र को नक्शे से नहीं मिटा सकता-बाइडन
बाइडन ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों पर हमला करके, रूस अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की नींव को तोड़ रहा है। इस संघर्ष के नतीजे सभी के लिए स्पष्ट हैं और दुनिया ने जवाब में एक स्पष्ट संदेश भेजा है: रूस एक संप्रभु राष्ट्र को नक्शे से नहीं मिटा सकता है।’’
दुनिया और संयुक्त राष्ट्र की नजर में यूक्रेन की सीमाएं समान हैं- ब्लिंकन
एक अलग बयान में विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोट यह दिखाता है कि सभी देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर के बचाव में हैं और यूक्रेन के खिलाफ रूस के जारी युद्ध के दृढ़ विरोध में तथा यूक्रेन और उसके लोगों के साथ हैं। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि वोट का मतलब है कि दुनिया और संयुक्त राष्ट्र की नजर में यूक्रेन की सीमाएं समान हैं।
भारत ने मतदान में भाग नहीं लिया
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस मसौदा प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया, जिसमें रूस के ‘‘अवैध तथाकथित जनमत संग्रह’’ और यूक्रेन के दोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहान्स्क और जापोरिज्जिया क्षेत्रों पर उसके कब्जे की निंदा की गई है। भारत ने कहा कि उसका यह फैसला ‘‘अच्छी तरह से सोच विचार के बाद अपनाए गए राष्ट्रीय रुख’’ के ‘‘अनुरूप’’ है और देश बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान के महत्व को रेखांकित करते हुए तनाव कम करने के उद्देश्य से सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है।
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