नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन युद्ध में पुतिन के आक्रामक तेवरों को देखते हुए G7 देशों ने परमाणु, रासायनिक और जैविक हथियारों के खतरे के खिलाफ चेतावनी दी है। साथ ही रूस को यूक्रेन में जैव हथियारों के आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताने के लिए फटकार लगाई है। G7 देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत रूस को उसके दायित्वों को याद दिलाना चाहते हैं, जिसके लिए वह एक हस्ताक्षरकर्ता है और जो हम सभी की रक्षा करता है।
ब्रसेल्स में बैठक के बाद G7 के नेताओं ने एक बयान में कहा कि हम रासायनिक, जैविक और परमाणु हथियारों या संबंधित सामान के युद्ध में उपयोग के किसी भी खतरे के खिलाफ चेतावनी देते हैं। इस दौरान G7 देशों ने तेल और गैस उत्पादक देशों से भी बड़ी अपील की है। G7 नेताओं ने OPEC (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन) की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए तेल और गैस उत्पादक देशों से एक जिम्मेदार तरीके से कार्य करने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में डिलीवरी बढ़ाने का आह्वान किया।
गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन युद्ध को एक महीना पूरा हो गया है लेकिन पुतिन की फौज के हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। जी7 देशों की रूस को चेतावनी के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी ताजा बयान सामने आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अगर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण के दौरान रासायनिक हथियार का इस्तेमाल किया तो नाटो समूह इसका भरसक जवाब देगा।
ब्रसेल्स में नाटो शिखर सम्मेलन के बाद बाइडेन ने कहा कि अगर रूस रासायनिक हथियार इस्तेमाल करता है तो हम जवाब देंगे और हमारा जवाबी हमला कितना बड़ा होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि रूस का हमला कितना भीषण है।
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