Russia-Ukraine war: रूस और यूक्रेन युद्ध का फिलहाल कोई अंत होता नहीं दिखाई दे रहा है। गोलियों, तोपों, मिसाइलों से आगे निकलकर अब यह युद्ध जहर के स्तर तक उतर आया है। यह बात हम नहीं कह रहे , बल्कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन पर लगाया है। पुतिन के अनुसार यूक्रेन रूसी सैनिकों को खतरनाक रसायन देकर मार रहा है। ऐसा रसायन जिससे आने वाली नस्लों को भी नहीं बचाया जा सकता है। क्या सचमुच अब यूक्रेन रूस से मुकाबला करने के लिए खतरनाक जहरीले रसायनों का इस्तेमाल कर रहा है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने भी इस संबंध में दावा किया है कि जुलाई के अंत में यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र जापोरिज्जिया के रूसी-नियंत्रित हिस्से में तैनात कुछ सैनिकों को बोटुलिनम टॉक्सिन टाइप बी नाम का जहर दिया गया था। इससे सैनिकों की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ गई। रूस का आरोप है कि जेलेंस्की के शासन में यू्क्रेनी सेना रसायनिक आतंकवाद फैला रही है। वहीं यूक्रेन ने रूस के इन आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है। यूक्रेनी गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि रूसी सैनिकों की यह हालत डिब्बाबंद एक्सपायरी मीट खाने की वजह से हो सकती है। किसी को जहर नहीं दिया गया है।
युद्ध में जहर देकर मारना क्या सही है
किसी भी देश से युद्ध छिड़ने पर रासायनिक जहर का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय संधियों के मुताबिक नहीं किया जा सकता। यह रासायनिक आतंकवाद की श्रेणी में आता है। ऐसा करना किसी भी देश के लिए जुर्म है। अपने सैनिकों को यूक्रेनियों द्वारा जहर दिए जाने की आशंका से तिलमिलाया रूस अब रासायनिक आतंकवाद का सुबूत जुटा रहा है। दावा है कि रूसी सैनिकों को बोटुलिनम टॉक्सिन टाइप बी नाम का जहर दिया गया था। यह न्यूरोटॉक्सिक जहर है। इससे बोटुलिज्म नामक खतरनाक बीमारी हो सकती है। इस रसायन का चिकित्सीय इस्तेमाल भी हो सकता है। रूस इन सबूतों को रासायनिक हथियार निषेध संगठन को सौंपेगा।
क्या है टॉक्सिन टाइप बी
बोटुलिनम टॉक्सिन टाइप बी बहुत ही जहरीला रसायन है। यह एक्सपायर हो चुके खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति ऐसे खाद्य पदार्थ का सेवन करता है तो उसे बोटुलिज्म नामक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी हो सकती है। यह रसायन शरीर की नसों पर घातक हमला करता है। यह बीमारी होने पर आंखों, चेहरे, मुंह और गले को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों कमजोर होन लगती हैं। इससे गर्दन, हाथ, धड़ और पैरों तक फैल सकती है। इससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। मरीज की मौत भी हो सकती है। इस जहर से शरीर पैरालाइज भी हो सकता है। इस जहर के असर से नसों में खून का प्रवाह बंद हो सकता है। यह तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है या पूरी तरह से तंत्र को नष्ट कर सकता है।
कच्ची सब्जियों के रास्ते भी शरीर में कर जाता है प्रवेश
यह रसायन से तैयार कच्ची सब्जियों में भी हो सकता है। इसे खाने से आंत में प्रवेश कर सकता है। इससे बेचैनी और आंत में सूजन या घाव की दिक्कत हो सकती है। यह एक्सपायर हो चुके डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों के खाने से भी हो सकता है।
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