Russia-Ukraine War: रूस ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा है। रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया है कि मॉस्को अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल आपातकालीन स्थितियों में ही करेगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि नाटो और अमेरिका के साथ सीधे टकराव में रूस की कोई दिलचस्पी नहीं है। इस बयान के बाद ये सवाल पैद हो रहा है कि अगर यूक्रेन ने जल्द हार नहीं मानी या कोई दूसरा देश उसके पक्ष में युद्ध में समर्थन करता है तो रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हटेगा। आपको बता दें कि दो दिन पहले रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा था कि यूक्रेन में अपने सैन्य अभियान के दौरान मास्को को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि पश्चिमी मीडिया ने आरोप लगाया कि रूस अपनी शक्ति दिखाने के लिए यूक्रेन में परमाणु या रासायनिक हथियार तैनात कर सकता है।
आपातकाल में ही करेंगे इसका प्रयोग होगा
गुरुवार को एक ब्रीफिंग में बोलते हुए रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इवान नेचाएव ने कहा कि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किसी देश के प्रतिक्रिया के बाग प्रयोग किया जा सकता है। रूसी सैन्य का सिद्धांत है, केवल सामूहिक विनाश के खतरे के जवाब में या जब राज्य के अस्तित्व को खतरा होता है तो परमाणु के प्रयोग करने की अनुमति देगा। यानी परमाणु शस्त्रागार का उपयोग केवल आत्मरक्षा की सुरक्षा और आपात स्थिति में ही संभव है। रूस के पास दुनिया के सबसे सक्रिय परमाणु हथियार हैं। इस देश ने भी तेजी से अपने परमाणु हथियारों के भंडार को नई तकनीक से लैस किया है।
यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की जरूरत नहीं
दो दिन पहले रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में कहा था कि सैन्य दृष्टिकोण से निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यूक्रेन में परमाणु हथियारों का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है। रूसी परमाणु हथियारों का मुख्य उद्देश्य परमाणु हमले को रोकना है। उन्होंने कहा कि मीडिया यूक्रेन में एक विशेष सैन्य अभियान के दौरान रूसी सामरिक परमाणु हथियारों के कथित इस्तेमाल या रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की तैयारी के बारे में अटकलें लगा रहा था। ये सभी सूचनात्मक हमले पूर्ण झूठ हैं।
अमेरिका और ब्रिटेन पर भड़का रूस
शोइगु ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन के सैन्य अभियानों की योजना बना रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नाटो ने पूर्वी और मध्य यूरोप में कई बार अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाई है। अमेरिका और रूस के परमाणु हथियारों को नियंत्रित करने के लिए नई START संधि का जिक्र करते हुए शोइगु ने कहा कि इसे लागू करना दोनों पक्षों की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सामरिक आक्रामक हथियारों की सीमा पर संधि के संबंध में भी एक कठिन स्थिति विकसित हो रही है। यह समझौता 2026 तक लागू रहेगा।
रूस के पास कितने परमाणु हथियार हैं
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के अनुसार, रूस के पास दुनिया भर में 5977 परमाणु हथियार हैं। इनमें से 1500 की अवधि समाप्त होने वाली है या पूराने होन के कारण जल्द ही खत्म हो जाएगी। हालांकि, रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने पिछले महीने ही कहा था कि रूसी परमाणु शस्त्रागार को 80 प्रतिशत तक उन्नत किया गया है। रूस के पास 4,500 हथियारों के सामरिक परमाणु हथियार भी हैं, जो लंबी दूरी तक हमला कर सकते हैं।
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