Russia: रूस ने एक बार फिर अमेरिका पर लगाए गंभीर आरोप, भारत को S-400 डिफेंस सिस्टम बेचने का मामला
Russia: रूस ने एक बार फिर अमेरिका के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा कई ऐसे कदम उठाए गए हैं
Highlights
- दोनों देशों के बीच इस व्यवस्था का सौदा 5.43 अरब डॉलर का हुआ है
- यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं
- अमेरिका की एक कमजोरी भी सामने आई है
Russia: रूस ने एक बार फिर अमेरिका के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। रूस ने अमेरिका पर आरोप लगाते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा कई ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिससे भारत की संप्रभुता के खिलाफ है। रूस के एक अधिकारी ने अपने बयान में हाल ही में भारत को मिले एस-400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम का भी जिक्र किया है। अधिकारी के मुताबिक इस सौदे से जहां भारत पर प्रतिबंधों का खतरा बढ़ा था लेकिन भारत इन सब की प्रवाह न करते हुए अपने हित के लिए आवाज उठाई। वहीं अमेरिका की एक कमजोरी भी सामने आई है। दरअसल, यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इन प्रतिबंधों के कारण रूस को हथियारों का भुगतान प्राप्त करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रूस अब इससे बौखला गया है और इसी को लेकर रूसी अधिकारी ने जमकर अपना गुस्सा निकाला है।
रूस और भारत के रिश्त हुए मजबुत
रूस की सरकारी एजेंसी फ़ेडरल सर्विस फ़ॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC) के प्रमुख दिमित्री सुगेव ने अमरीका पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली पर अमेरिका की ओर से प्रतिबंध की आशंका वास्तव में इसकी कमजोरी को बयां करती है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की ओर से इस साल जुलाई में भारत को CAASTA अधिनियम के तहत प्रतिबंधों से बाहर कर दिया गया था। साल 2018 में जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत का दौरा किया तो दोनों देशों के बीच इस व्यवस्था का सौदा 5.43 अरब डॉलर यानी 40,000 करोड़ रुपये में हुआ था। इस डील में भारत को 5 सिस्टम मिलने है।
अमेरिका ने तुर्की पर लगाए प्रतिबंध
दिमित्री ने कहा कि 'अमेरिकी पक्ष ने भारत और रूस के बीच समझौते को प्रतिबंधों का उल्लंघन माना लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि अमेरिकी पक्ष ने अपना रुख बदल दिया? मुझे इसके पीछे की कहानी का अंदाजा नहीं है, ये शायद उसकी कमजोरी ने ऐसा करने पर मजबूर कर दिया है। इस हथियारों के सौदे के बाद अमेरिका ने तुर्की के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए थे। भारत इन प्रतिबंधों से मुक्त है। अमेरिका ने कहा कि भारत की विदेश नीति में बदलाव करने की यह स्थिति लंबे समय से है।सुगेव रूस का वह व्यक्ति है जो विदेशों में निर्यात किए जा रहे हथियारों पर नजर रखते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी प्रतिबंध अमेरिका की भेदभावपूर्ण नीति का हिस्सा हैं। इसका उद्देश्य एक स्वतंत्र देश के संप्रभु अधिकारों का उल्लंघन करके इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उनसे सवाल पूछा गया कि रूस कैसे प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। इस पर रूसी अधिकारी ने कहा कि नए उत्पादन केंद्रों और लॉजिस्टिक्स चेन को मजबूत किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इस बारे में और कोई जानकारी नहीं दी।
क्या है CAATSA एक्ट?
CAATSA का मतलब प्रतिबंध अधिनियम के माध्यम से अमेरिका के विरोधियों का मुकाबला करना है। कानून अमेरिकी प्रशासन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है जो रूस से प्रमुख रक्षा उपकरण खरीदते हैं। अमेरिकी सरकार रूसी रक्षा और खुफिया क्षेत्रों के साथ लेनदेन में शामिल देशों के खिलाफ सीएएटीएसए के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। हाल ही में भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (सीएएटीएसए) में संशोधन के लिए एक ऐतिहासिक विधेयक का प्रस्ताव रखा था। उनके प्रस्ताव को अमेरिकी विधानसभा ने मंजूरी दे दी है। भारतीय वायुसेना के पास जहां एक ही रेजीमेंट है, वहीं इस शक्तिशाली सिस्टम को पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान के खिलाफ तैनात किया गया है। इसकी दूसरी रेजिमेंट पूर्वी मोर्चे पर चीन के खिलाफ तैनात की जाएगी।