Russia's Arcturus submarine: रूस में मॉस्को सबमरीन डिज़ाइन ब्यूरो रुबिन ने बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी के नया डिज़ाइन को सार्वजनिक किया है। इस डिजाइन आर्मी 2022 डिफेंस एक्सपो में लॉन्च किया गया है। इसका नाम एक तारा आर्कटुरस पर रखा गया है। इस पनडुब्बी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये पहली नजर में किसी प्लेन को चकमा दे देगी। दुश्मन के सामने होकर जाएगी लेकिन पता तक नहीं चल पाएगी। जानकारों के मुताबिक यह रूस की अब तक की सबसे बेहतरीन पनडुब्बी मानी जा रही है। यह पनडुब्बी ऐसे समय में लॉन्च की गई है, जब यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है और रूस को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है।
क्या इसमें अंडरवाटर व्हीकल फिट की जा सकती है?
यह पनडुब्बी जर्मनी की टाइप-212सीडी पनडुब्बी दिखने में लगती है। इसे जर्मनी और नॉर्वे के लिए भी बनाया जा रहा है। इस पनडुब्बी की डिजाइन ब्रिटिश ड्रेडनॉट क्लास बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी से ली गई है। इस जहाज की संरचना ऐसी है कि यह एक्टिव सोनार को भी चकमा दे सकती है। इस पनडुब्बी में 12 परमाणु बैलिस्टिक मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इसमें एक ट्यूब होती है जिसमें अंडरवाटर व्हीकल भी फिट किया जा सकता है। इसके फिट होने के बाद पनडुब्बी की क्षमता मल्टी-रोल तक बढ़ जाती है।
रूस सबसे आगे निकलेगा
हाल ही में रूसी नौसेना को दुनिया की सबसे लंबी पनडुब्बी बनाई है। बेलगोरोड नाम की यह पनडुब्बी एक स्कूल बस के बराबर परमाणु टॉरपीडो से लैस है। ऐसा बताया जा रहा है कि यह पनडुब्बी समुद्र में रेडियोधर्मी सुनामी ला सकती है। पनडुब्बी 184 मीटर लंबी है। यह पिछले 30 साल में बनी अब तक की सबसे बड़ी पनडुब्बी है। 30,000 टन वजनी पनडुब्बी, 100 मेगाटन के परमाणु पेलोड के साथ छह 80-फुट पोसीडॉन परमाणु टारपीडो ड्रोन से सुसज्जित है। इसके हथियार इतने घातक होते हैं कि इनके फटने पर समुद्र का पानी 500 मीटर तक ऊपर जा सकता है, जो एक बड़ी लहर पैदा करने के लिए काफी होता है। पनडुब्बी डिजाइन और तकनीक के मामले में रूस को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश माना जाता है। इसके पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली परमाणु पनडुब्बी है, जिसे टाइफून के नाम से जाना जाता है। इस पनडुब्बी को अमेरिका को जवाब देने के मकसद से डिजाइन किया गया था। जैसे ही इस बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी के डिजाइन का खुलासा हुआ, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की कि वह लैटिन अमेरिका, एशिया और अफ्रीका सहित साथी देशों को आधुनिक हथियारों में आगे निकलेंगे।
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